Chanakya Neeti In Hindi: चाणक्य ने अपनी नीति बुक में मानव समाज के कल्याण के लिए कई नीतियां बताईं हैं जिन्हें अपनाकर आप अपने जीवन में सफलता की बुलंदियों पर पहुंच सकते हैं। आचार्य चाणक्य एक कुशल राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और महान ज्ञानी थे। उनकी नीतियां मनोबल बढ़ाने का काम करती हैं। ये उनकी नीतियां ही थीं जिसने एक साधारण से बालक को सम्राट बना दिया। जानिए प्रतियोगी परिक्षाओं में सफलता हासिल करने के लिए उनकी कौन सी नीतियां आ सकती हैं काम…
– प्रतियोगी परीक्षा देने वाले छात्र इस बात का ध्यान रखें कि दूसरे क्या गलतियां कर रहे हैं जिस कारण उन्हें सफलता हासिल नहीं हो पा रही। उनकी गलतियों से सीखें और आगे बढ़ें।
– टेंशन से मुक्त होने के लिए चाणक्य ने कहा है कि हमेशा हमे इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमें भूत के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए और न ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए। विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं।
– चाणक्य कहते हैं कि एक बार जब आप कोई काम शुरु करते हैं, तो असफलता से कभी डरे नहीं और ना ही उसे त्यागें। ईमानदारी से काम करने वाले लोगों की जीत होती है।
– कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयं से तीन सवाल जरूर कीजिये – मैं ये क्यों कर रहा हूं, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल हो पाऊंगा? और जब गहराई से सोचने पर इन तीनों सवालों के जवाब मिल जाएं, तभी आगे बढ़ें।
– शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है। शिक्षित व्यक्ति सदैव सम्मान पाता है। शिक्षा की शक्ति के आगे युवा शक्ति और सौंदर्य, दोनों ही कमजोर हैं।
– आचार्य चाणक्य ने कहा है कि छात्रों को कामवासना से दूर रहना चाहिए। अगर वे अनैतिक चीजों के बारे में सोचता रहे तो विद्या ठीक से प्राप्त नहीं कर पायेंगे। उनका पढ़ाई करने में मन ही नहीं लगेगा।
– चाणक्य ने बताया है कि छात्र को हमेशा संतुलित भोजन करना चाहिए। कुछ भी खा लेने से छात्र के स्वास्थ्य पर इसका गलत प्रभाव पड़ सकता है। जिससे पढ़ाई में बाधा उत्पन्न होगी।
– स्वस्थ्य शरीर के लिए 6 से 8 घंटे की नीद पर्याप्त है। छात्र जीवन में इससे अधिक सोना सही नहीं है। ज्यादा सोने से आलस्य आता है जिससे बच्चों का अध्य्यन में मन नहीं लगता।