Chanakya Niti In Hindi: राजनीति और अर्थशास्त्र के महान ज्ञाता चाणक्य ने मानव समाज के कल्याण के लिए कई नीतियां बताई हैं। जिनका सदुपयोग करके व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है। इनकी नीतियों के ज्ञान से ही चंद्रगुप्त मौर्य को अपने हर कार्य में सफलता मिल पाई और वह भारत के महान सम्राट बन गए। चाणक्य नीति के कई श्लोक में ये भी बताया गया है कि कैसे मनुष्य अपने जीवन को समृद्ध बना सकता है। जानिए धन को लेकर चाणक्य की नीतियां क्या कहती हैं…
मूर्खा यत्र न पूज्यन्ते धान्य यत्र सुसंचितम्।
दंपतो: कलहो नास्ति तत्र श्री: स्वयमागता।।
चाणक्य ने अपनी नीति में बताया है कि जहां मूर्खों की बजाय ज्ञानियों का सम्मान होता है वहां धन संपत्ति में निरंतर वृद्धि होती रहती है। क्योंकि जहां ज्ञानियों को पूजा जाता है वहां से विपदा हमेशा दूर रहती है। इसी तरह जहां अन्न का एक भी दाना बर्बाद नहीं किया जाता, जहां अन्न को सम्मान दिया जाता है, वहां भी लक्ष्मी माता की हमेशा कृपा बनी रहती है। जहां पति पत्नी के संबंधों में कटुता नहीं होती, पारिवारिक कलह नहीं होते वहां भी लक्ष्मी का वास होता है। जहां धन का संचयन नहीं होता, लोग गलत कार्यों में धन खर्च करते हैं, वहां सुख समृद्ध ज्यादा समय के लिए नहीं रहती। इसलिए आचार्य कहते हैं कि यदि सुख और समृद्धि का वास चाहिए तो धन-धान्य के संचयन पर ध्यान देना चाहिए और धन अपव्यय करने से बचना चाहिए।
कुचैलिनं दन्तमलोपधारिणं बह्वाशिनं निष्ठुरभाषिणं च।
सूर्योदये वाऽस्तमिते शयानं विमुञ्चति श्रीर्यदि चक्रपाणि:।।
इस श्लोक के माध्यम से चाणक्य का कहना है कि जो लोग गंदे कपड़े पहनते हैं, साफ-सफाई का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखते, उनका मां लक्ष्मी त्याग कर देती हैं। बड़े बुजुर्ग भी हमेशा यही सलाह देते हैं कि घर और अपने आप को साफ सुथरा रखना चाहिए तभी लक्ष्मी घर आती हैं। इसी तरह जो लोग अपने दांतों की सफाई नहीं रखते उन्हें भी मां लक्ष्मी छोड़ देती हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से भी दांतों की सफाई जरूरी मानी जाती है।
जो व्यक्ति जरूरत से ज्यादा भोजन करते हैं, जिन्हें अपने खाने पर बिल्कुल भी नियंत्रण नहीं है, जो हर समय सिर्फ खाने के बारे में सोचते हैं ऐसे लोगों के पास भी लक्ष्मी ज्यादा समय तक नहीं ठहरतीं। भूख से ज्यादा भोजन करना सेहत के लिए भी अच्छा नहीं माना गया है। अंत में चाणक्य ने अपने श्लोक में कहा है कि सूर्योदय और सूर्यास्त के समय बिना कारण सोने वाले व्यक्तियों के पास भी मां लक्ष्मी नहीं ठहरतीं। इन दोनों समय देवी देवताओं की पूजा करनी चाहिए।