Chanakya Niti In Hindi: चाणक्य नीति में जीवन से संबंधित लगभग हर एक पहलू के बारे में विस्तार से बताया गया है। चाणक्य ने अपनी बुद्धिमता और क्षमता के बल पर भारतीय इतिहास की धारा को बदल दिया। इनकी नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितना की पहले थीं। चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में इस बात का जिक्र किया है कि हमें कहां घर बनाना चाहिए और कहां नहीं।

धनिक: श्रोतियो राजा नदी वैद्यस्तु पंचम:।
पंच यत्र न विद्यन्ते तत्र दिवसं न वसेत्।।

जिस स्थान पर कोई धनी व्यक्ति होता है, वहां व्यवसाय में बढ़ोत्तरी होती है। चाणक्य कहते हैं कि जिस स्थान पर आस-पास के लोग धनवान हों वहां घर बनाना चाहिए। क्योंकि जहां धनवान व्यक्ति होते हैं वहां व्यवसाय और रोजगार के अवसर भी अधिक होते हैं। ऐसे में व्यक्ति को इस स्थान पर रहकर रोजगार के लिए ज्यादा भटकना नहीं पड़ता।

जिस स्थान पर कोई ज्ञानी हो या वेद जानने वाला व्यक्ति हो, वहां रहने से धर्म लाभ होता है। चाणक्य कहते हैं कि जहां पड़ोसी ब्राह्मण या विद्वान हो तो वहां रहने से परिवार पर उसका सकारात्मक असर होता है। ऐसे में परिवार और बच्चों का पालन-पोषण भी सही तरीके से हो पाता है।

जहां राजा यानी शासकीय व्यवस्था से संबंधित व्यक्ति रहता हो, वहां रहने से व्यक्ति को शासन की सभी योजनाओं का लाभ प्राप्त होता है। राजा या प्रशासन के अच्छा नहीं होने पर जनता को किसी प्रकार का फायदा नहीं मिल पाता। वहीं जिस शासन व्यवस्था में जनता की सीधी पहुंच शासन करने वाले व्यक्ति तक हो वहां व्यक्ति सुरक्षित रहता है। इसलिए ऐसे जगह पर ही घर बनाना सही रहता है।

जिस स्थान पर पवित्र नदी बहती हो, जहां पानी पर्याप्त मात्रा में हो, वहां रहने से समस्त लाभ प्राप्त होते हैं। लेकिन जहां न ही कोई नदी हो, न ही तालाब हो वहां घर बनाने से कोई फायदा नहीं होता। ऐसी जगह पर व्यक्ति परेशान रहता है। घर बनाने के लिए पानी की मौजूदगी का पता लगा लेना चाहिए।

चाणक्य नीति अनुसार जिस स्थान पर वैद्य हों, वहां रहने से हमें बीमारियों से तुरंत मुक्ति मिल जाती है। वैद्य यानी डॉक्टर, घर बनाने से पहले इस बात का पता लगा लेना चाहिए कि घर के आसपास अस्पताल, डॉक्टर हैं या नहीं।