महान अर्थशास्त्री और बुद्धिमत्ता के धनी आचार्य चाणक्य अपनी नीतियों को लेकर काफी प्रसिद्ध हैं। आचार्य चाणक्य को समाज की गहराई से समझ थी, इसलिए उन्होंने एक नीति शास्त्र की रचना की, जिसमें उन्होंने लोगों को खुशहाल, सफल और सम्मानजनक जिंदगी जीने के तरीके बताएं हैं। चाणक्य जी की नीतियां आज के समय में भी प्रासंगिक मानी जाती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति उनकी नीतियों का अनुसरण कर ले, उन्हें अपने जीवन में कभी भी असफलता का सामना नहीं करना पड़ता।
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कुछ ऐसी बातें बताईं हैं जो मनुष्य की आर्थिक उन्नति में बाधक बनती है। चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य यदि कुल पांच आदतों को छोड़ दे तो वह धनवान बन सकता है। आइए जानते हैं…
खाली हाथ घर नहीं चाहिए लौटना:
आचार्य चाणक्य अनुसार यदि मनुष्य पेशेवर है और उसका पेशा ऐसा है कि वह घर आना-जाना करता है। तो ऐसे में उसे चाहिए कि घर जाते वक्त खाली हाथ न जाएं। घर जाते वक्त उसे कुछ न कुछ खाने का सानम अवश्य लेकर जाना चाहिए। इससे घर में खुशहाली और सुख- समृद्धि बनी रहती है।
मेहमानों का नहीं करें अपमान:
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर आपके घर दुश्मन भी आ जाए, मतलब जिससे आपका मनमुटाव चल रह हो। उसका सम्मान और ख्याल रखना चाहिए। क्योंकि घर मेंं आया हुआ व्यक्ति पहले मेहमान हैं। उसके बाद दुश्मन है। इसलिए उसकी मेहमान नवाजी करनी चाहिए।
खाना नहीं चाहिए जूठा छोड़ना:
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को खाना उतना ही लेना चाहिए। जितना कि वो खा सके। मतलब उसे खाना जूठा नहीं छोड़ना चाहिए। चाणक्य बताते हैं कि अन्न देवता समान होता है, इसलिए अन्न का अपमान देवता का अपमान है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज होती हैं और वह ऐसे घर से रूठ कर चली जातीं हैं।
बिस्तर और खुद को गंदा रखना:
आपने देखा होगा कि कुछ लोग अपने बिस्तर को अव्यवस्थित और गंदा रखते हैं। इस संबंध में चाणक्य कहते हैं कि यह एक बहुत बुरी आदत है। क्योंकि बिस्तर पर बैठकर भोजन करने और गंदा रखने से दरिद्रता आती है। इसलिए इससे बचना चाहिए।
सुबह देर से उठना:
अगर मनुष्य को आर्थिक रूप से मजबूत रहना है तो मनुष्य को सुबह जल्दी उठना चाहिए। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो लोग सुबह देर से उठते हैं उनसे मां लक्ष्मी रूठ जातीं हैं। साथ ही ऐसा व्यक्ति हमेशा आलसी बना रहता है। इसलिए सुबह जल्दी उठना चाहिए।