Chanakya Niti In Hindi: चाणक्य नीति में जीवन को सफल बनाने के लिए कई तरह की नीतियां बताई गई हैं। कहते हैं जो व्यक्ति इन नीतियों को अच्छे से समझकर उन्हें अपने जीवन में अपना लेता है उसकी कई परेशानियों का अंत हो सकता है। चाणक्य नीति में बताया गया है कि हमें धन के साथ कैसा बर्ताव करना चाहिए। कैसे धन का संचय करना चाहिए और उस धन का सही उपयोग करने का तरीका क्या है।

चाणक्य नीति कहती है व्यक्ति को धन संचय करने के साथ-साथ उसका सही जगह निवेश करना भी करना चाहिए। धन का हमेशा सम्मान करना चाहिए। क्योंकि ये सम्मान दिलाता है और आपदाओं से जूझने में मदद करता है। ऐसे देश या क्षेत्र में जहां रोजगार, शुभ चिंतक, सम्मान और शिक्षा न मिले वहां नहीं रहना चाहिए। उसी जगह पर रहने से फायदा है जहां जरूरत की सारी चीजें अपने आस-पास ही मौजूद रहें।

चाणक्य नीति कहती है कि धन लोक कल्याण के लिए भी लगाना चाहिए। यानी धन से लोगों की भलाई करनी चाहिए। ऐसे लोगों को हर जगह सम्मान प्राप्त होता है। धन को हमेशा संभालकर रखना चाहिए। दिखावे में आकर फिजूलखर्च करने से बचना चाहिए। जो लोग पैसा दूसरों को दिखाने के लिए खर्च करते हैं ऐसे लोगों का धन बहुत जल्दी नष्ट हो जाता है।

चाणक्य कहते हैं कि धन आने पर व्यक्ति को अहंकार नहीं करना चाहिए। क्योंकि अहंकार से व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है। जिससे व्यक्ति के धन का जल्दी नाश हो जाता है। ऐसा करने से बचना चाहिए। चाणक्य नीति अनुसार जो व्यक्ति खुद का लक्ष्य तय नहीं कर सकता वह किसी काम में विजयी नहीं हो सकता। इसलिए पहले लक्ष्य निर्धारित करें और उसे पाने की हर संभव कोशिश करें।

कोई भी काम शुरू करने जा रहे हैं तो अपने आप से ये तीन सवाल जरूर करें- पहला मैं ये काम क्यों कर रहा हूं? इस काम का परिणाम क्या होगा? क्या मैं इसे कर पाने में सक्षम हूं? जब इन तीनों सवालों का जवाब मिल जाए तभी काम की शुरुआत करें। ऐसे में आपको सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।