आचार्य चाणक्य महान अर्थशास्त्री  और राजनैतिक थे। उन्होंने एक नीति शास्त्र की रचना की, जिसमें उन्होंने जीवन के हर पहलु के बारे में बताया। इस शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने जीवन में सफलता पाने के लिए 5 सूत्रों का जिक्र किया है। जो भी व्यक्ति इन सूत्रों को अपनाता है उसे सफलता पाने में आसानी हो जाती है। आइए जानते हैं इन सूत्रों के बारे में…

अनुशासन का करेंं पालन:
आचार्य चाणक्य के मुताबिक व्यक्ति को जीवन में अनुशासित जरूर होना चाहिए। क्योंकि अनुशासित व्यक्ति लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लेता है। साथ ही उसे अपने कार्यक्षेत्र में कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।

सुबह जल्दी उठने का डालें प्रयास:

चाणक्य के मुताबिक व्यक्ति को सुबह जल्दी उठना चाहिए। क्योंकि जो लोग सुबह देर से उठते हैं वो लोग अपना कीमती समय निकाल देते हैं। साथ ही देरतक सोने की वजह से शरीर में आलस्य भी रहता है। यही कारण है कि चाणक्य नीति में सुबह उठने को हितकारी बताया गया है।

पौष्टिक और संतुलित लें आहार:
आचार्य चाणक्य के मुताबिक व्यक्ति को संतुलित और पौष्टिक आहार लेना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति की सेहत अच्छी रहती है। और व्यक्ति रोगों से दूर रहता है। साथ ही पौष्टिक आहार लेने से कठिन से कठिन कार्य करने के लिए भी व्यक्ति में ऊर्जा बनी रहती है और वह स्फूर्ति के साथ उन कार्यों को करता है।

विनम्र होना है जरूरी:
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में बार- बार व्यक्ति के स्वभाव के बारे में जिक्र किया  है। उन्होंने कहा है कि व्यक्ति को स्वभाव से विनम्र होना चाहिए। क्योंकि विनम्र व्यक्ति ही कार्यक्षेत्र और समाज में सम्मान पाता है। साथ ही लोग उसके नेचर की तारीफ करते हैं। वहीं आप किसी भी व्यक्ति से विनम्र होकर किसी काम को करा सकते हैं। लेकिन अगर आपके स्वभाव में विनम्रता नहीं है तो सके सामने वाला आपका काम करने से मना कर दें।

काम को बीच में न छोड़ें:
आचार्च चाणक्य के मुताबिक किसी भी काम को बीच में नहीं छोड़ना चाहिए। क्योंकि हर काम में बाधा तो आती ही हैं। लेकिन बाधाओं से घबराकर उसे बीच में न छोड़े। याद रखें, किसी काम को पूरा करने के बाद ही लोग उसे याद रखते हैं। इसके बिना पूरा कार्य व्‍यर्थ है।