आचार्य चाणक्य भारत के एक महान विद्वान थे। उनकी नीतियां आज के समय भी काफी महत्व रखती हैं। चाणक्य ने अपनी नीतियों से चंद्रगुप्त मौर्य को भारत का सम्राट बनाया। वे चंद्रगुप्त मौर्य के शासन काल में महामंत्री थे। चंद्रगुप्त उनकी हर एक नीति को अच्छे से समझकर उस पर अमल करते थे। चाणक्य की नीतियों की आज के समय में भी काफी डिमांड देखने को मिलती है। क्योंकि उनकी नीतियां व्यावहारिक जीवन से संबंधित सभी बातों को बड़े ही सरलता के साथ समझाती हैं। जिससे मनुष्य को ये जानने में मदद मिलती है कि इंसान को किस परिस्थिति में कैसा व्यवहार करना चाहिए। यहां आप जानेंगे आचार्य चाणक्य वो नीति जिसमें बताया गया है कि कैसे व्यक्ति पर आप भरोसा कर सकते हैं…

यथा चतुर्भि: कनकं परीक्ष्यते निघर्षणं छेदनतापताडनै:।
तथा चतुर्भि: पुरुषं परीक्ष्यते त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा।।

– चाणक्य नीति के पांचवें अध्याय के दूसरे श्लोक में लिखा है कि सोने को परखने के लिए उसे रगड़ा जाता है, काटकर देखा जाता है, आग में तपाया जाता है, पीटकर देखा जाता है कि सोना शुद्ध है या नहीं। अगर सोने में मिलावट होती है तो इन चार कामों से वह सामने आ ही जाती है। इसी प्रकार किसी व्यक्ति पर भरोसा करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

– किसी व्यक्ति पर भरोसा करने से पहले ये जरूर देंखे कि वह दूसरों के दुखों को दूर करने के लिए खुद के सुखों का त्याग कर सकता है या नहीं। अगर कोई व्यक्ति दूसरों की खुशी के लिए खुद के सुख का त्याग कर दे तो उस इंसान पर भरोसा किया जा सकता है।

– जिन लोगों का चरित्र अच्छा है यानी जो लोग दूसरों के लिए कभी भी गलत नहीं सोचते हैं, ऐसे लोगों पर भी भरोसा किया जा सकता है।

– क्रोधी, आलस्य करने वाले, स्वार्थी, घमंड करने वाले और झूठ बोलने वाले लोगों पर भूलकर भी भरोसा नहीं करना चाहिए। जो लोग शांत स्वभाव के होते हैं, जो हमेशा सच बोलते हैं, वे लोग भरोसेमंद हैं।

– अगर कोई व्यक्ति गलत तरीके से काम करता है और गलत तरीके से धन कमाता है, उस पर भरोसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे लोग खुद के स्वार्थ के लिए किसी को भी धोखा दे सकते हैं। धर्म और नीति से धन कमाने वाले लोगों पर भरोसा करना चाहिए।