Chanakya niti: आचार्य चाणक्य बहुत ही महान विद्वान थे। उनके द्वारा मानव समाज के कल्याण के लिए कई नीतियां बनाई गई। जिनका आज के समय में भी काफी महत्व है। महान सम्राट चंद्रगुप्त मोर्य को भी चाणक्य ने ही ज्ञान देकर उन्हें राजा बनने और पूरे साम्राज्य को संभालने योग्य बनाया था। चाणक्य द्वारा रचित चाणक्य नीति ग्रंथ में व्यक्ति को अपने जीवन से संबंधित लगभग हर समस्या का समाधान मिल सकता है। इसलिए आज के समय में लोग चाणक्य नीति पढ़ना काफी पसंद करते हैं। चाणक्य ने अपनी पुस्तक में ऐसी बाते बताई हैं जिसे कोई भी व्यक्ति नकार नहीं सकता। यहां हम चाणक्य की नीति के माध्यम से आपको बताएंगे कि पति पत्नी का रिश्ता कैसा होना चाहिए और उसकी मजबूती के लिए किन बातों का रखें ध्यान…
पत्नियां इस बात का रखें ध्यान: चाणक्य नीति ग्रंथ अनुसार, ऐसी पत्नी जो अपने जीवन में अपने पति का दखल बर्दाश्त नही करे। जो बार-बार यह कहे कि उसका अपना अलग ही जीवन है जिसमें पति का हस्तक्षेप उसे पसंद नहीं। ऐसी परिस्थितियों में शादी टूटने की ज्यादा संभावना रहती है।
एक दूसरे के लिए रहें ईमानदार: जब पति और पत्नी एक-दूसरे से अपनी बातें छुपाने लगे और एक-दूसरे को अपने निजी मामले से दूर रखना शुरू कर दें तो समझ लीजिए कि दोनों के रिश्तों में दरार पड़ चुकी है और भविष्य में उनकी शादी टूट सकती है।
ऐसे रिश्ते लंबे समय तक नहीं टिक पाते: चाणक्य कहते हैं कि पति-पत्नी का रिश्ता केवल भावनात्मक ही नहीं होता है बल्कि इस रिश्ते में एक दूसरे को सम्मान देना भी उतना ही आवश्यक हो जाता है। अगर बात-बात पर पति-पत्नी एक दूसरे का अपमान करने लगते हैं और आपस में गालियां देते हैं तो ऐसी परिस्थिति में शादी का पवित्र रिश्ता टूट जाता है।
रिश्ते में नहीं होना चाहिए लालच: चाणक्य के अनुसार, पत्नी या पति केवल अपनी जीवनसाथी के धन का लालची बन जाए। जो अपने साथी के खुशियों से ज्यादा उसके पैसे को महत्व दे। उनकी भावनाओं का सम्मान ना करे। तो ऐसे पति या पत्नी शादी के रिश्ते को बर्बाद कर देते हैं।