Kanya Pujan 2024 Date, Time, Vidhi, Samagri List: चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने का विधान है। इसके साथ-साथ अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन किया जाता है। इस दौरान 2 से 10 साल की कन्याओं को घर बुलाकर विधिवत पूजा करने के साथ भोजन कराया जाता है और अंत में उपहार स्वरूप भेंट दी जाती है। हिंदू धर्म के अनुसार, कन्या पूजन अष्टमी और नवमी तिथि के दिन करना शुभ माना जाता है। ऐसे में आज यानी महाअष्टमी को कन्या पूजन किया जा रहा है। इसके अलावा कल यानी नवमी तिथि को भी व्रत का पारण करने के साथ कन्या पूजन किया जाएगा। जानें कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और महत्व…
कन्या पूजन 2024 शुभ मुहूर्त
महाष्टमी पर कन्या पूजन- सुबह 07 बजकर 51 मिनट से लेकर 10 बजकर 41 मिनट तक कर सकते हैं। इसके बाद दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से लेकर 02 बजकर 55 मिनट तक कर सकते हैं।
महानवमी के दिन कन्या पूजन सुबह 06 बजकर 27 मिनट से लेकर 07 बजकर 51 मिनट तक कर सकते हैं। इसके बाद दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से लेकर 02 बजकर 55 मिनट तक कर सकते हैं।
कन्या पूजन 2024 सामग्री
- पैर धोने के लिए थाली, साफ जल और तौलियां
- पैरों में लगाने के लिए महावर
- माथे में लगाने के लिए कुमकुम, सिंदूर और अक्षत
- बैठाने के लिए आसन
- पूजा थाली
- घी का दीपक
- एक कंडा या उपले
- फूल, माला
- लाल चुनरी
- भोजन (खीर-पूड़ी या गुड़-चना)
- उपहार
- भेंट
- अक्षत
कन्या पूजन 2024 पूजा विधि (Kanya Pujan Vidhi)
- कन्या पूजन के दिन कन्याओं को बुलाकर सबसे पहले थाली में उनके पैर रखकर जल डालें और फिर पोंछ दें।
- अब उन्हें आसन में बिठाएं और उनके पैरों में महावर और माथे में सिंदूर, अक्षत लगाएं। फिर लाल रंग की चुनरी और माला पहनाएं।
- फिर आरती उतार लें।
- अब उन्हें भोजन परोसे।
- इसके बाद हर कन्या से थोड़ा-थोड़ा टुकड़ा लेकर जले हुए उपले में डाल कर आचमन कर लें।
- अब कन्याओं को भोजन करने को कहें।
- भोजन करने के बाद उन्हें अपनी यथाशक्ति के हिसाब से उपहार दें।
- इसके बाद उनके हाथ में अक्षत यानी चावल लेकर महिला अपनी पल्लू यानी आचल में इन चावलों को ले लें।
- अब कन्याओं का आशीर्वाद लेकर उन्हें विदा करें।
- बाद में पैर धुएं हुए जल और इन अक्षत को अपने घर में छिड़क दें। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
कन्या पूजन 2024 मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु ‘कन्या ‘ रूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
ॐ श्री दुं दुर्गायै नमः ।।
ॐ श्री कुमार्यै नमः ।।
ॐ श्री त्रिगुणात्मिकायै नमः ।।
कन्या पूजन में 2 से 10 साल की कन्या ही क्यों करें शामिल?
हिंदू धर्म में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। लेकिन इसके लिए सिर्फ 2 से 10 साल तक की लड़कियों को कन्या के रूप में बुलाने का विधान है। हिंदू धर्म में 10 वर्ष की कन्या को सुभद्रा , 9 वर्ष की कन्या को मां दुर्गा , 8 वर्ष की कन्या को शांभवी, 7 वर्ष की कन्या को चंडिका, 6 वर्ष की कन्या को कालिका, 5 वर्ष की कन्याओं को रोहिणी, 4 साल की कन्या को कल्याणी, 3 वर्ष की कन्याओं को त्रिमूर्ति और 2 वर्ष की कन्याओं को कुमारी माना जाता है।
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