Chaitra Navratri 2025 Paran Muhurat: चैत्र नवरात्रि का पर्व हर साल बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, नवरात्रि का पर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होकर चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को समाप्त होता है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। साथ ही, इस दौरान माता रानी की पूजा, व्रत, भजन-कीर्तन और घर में भक्ति का माहौल रहता है। नवरात्रि के आखिरी दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है और इसी दिन व्रत का पारण भी किया जाता है। अगर आपने भी पूरे नौ दिन व्रत रखा है, तो जान लीजिए कि व्रत खोलने का सही समय और तरीका क्या है, ताकि आपका उपवास पूर्ण फलदायी हो। तो यहां जानिए चैत्र नवरात्रि पारण की सही टाइमिंग और नियम।
चैत्र नवरात्रि का पारण कब किया जाएगा?
पंचांग के अनुसार, नवमी तिथि 5 अप्रैल को रात 7 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और 6 अप्रैल की रात 7 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण 6 अप्रैल को किया जाएगा। बता दें कि नवरात्रि व्रत का पारण नवमी तिथि के समाप्त होने पर किया जाता है। ऐसे में आप नवमी तिथि को कन्या पूजन करके व्रत खोल सकते हैं।
व्रत खोलने से पहले क्या करें?
नवरात्रि के व्रत का पारण तभी संपूर्ण माना जाता है जब आप नवमी के दिन कन्या पूजन और हवन कर लें। कहते हैं कि छोटी-छोटी कन्याओं में मां दुर्गा का वास होता है, इसलिए उन्हें भोजन करवाकर और उपहार देकर उनका आशीर्वाद लेना बहुत शुभ माना जाता है। अगर हो सके तो कम से कम 9 कन्याओं को बुलाकर उन्हें घर पर बना हलवा, पूड़ी, काला चना और खीर का भोजन कराएं। इसके बाद उन्हें दक्षिणा और कोई छोटा-सा उपहार देकर विदा करें।
कैसे करें नवरात्रि व्रत पारण ?
व्रत खोलने से पहले माता रानी की पूरी श्रद्धा से पूजा करें। देवी को फूल, धूप, दीप, अक्षत और नैवेद्य अर्पित करें। फिर महाप्रसाद बनाएं जिसमें हलवा, पूड़ी, और सब्जी शामिल हो। पारण करते समय सीधे-सीधे नमक से परहेज करें, सात्विक भोजन लें जो हल्का हो। पारण का समय नवमी तिथि के समाप्त होने के बाद सबसे शुभ माना जाता है।
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