Chaitra Navratri Kalash Sthapna Niyam: हिंदू धर्म चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से हो रही है, जिसका समापन 6 अप्रैल को होगा। इस दौरान देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने के साथ-साथ कलश स्थापना की जाएगी। साथ ही, अखंड ज्योति जलाई जाएगी। बता दें कि नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना से होती है, जिसे बेहद शुभ माना जाता है। लेकिन कई बार लोग अनजाने में कुछ गलतियां कर देते हैं, जिससे पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता है। इसलिए कलश स्थापना करते वक्त कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। ऐसे में आइए जानते हैं कलश की सही विधि और नियम के बारे में।
कलश स्थापना के दौरान बिल्कुल भी न करें ये गलतियां
गलत दिशा में कलश रखना
कलश की स्थापना किसी भी दिशा में नहीं करनी चाहिए। ज्योतिष के अनुसार, इसे उत्तर-पूर्व दिशा में रखना सबसे शुभ माना जाता है। अगर यह संभव न हो, तो उत्तर या पूर्व दिशा में भी इसे रख सकते हैं। मान्यता है कि गलत दिशा में कलश रखने से नकारात्मक ऊर्जा आती है।
गलत धातु का इस्तेमाल
कलश बनाने के लिए सही धातु का चुनाव जरूरी होता है। कलश स्थापना के लिए तांबे, मिट्टी, चांदी या सोने का कलश सबसे शुभ माना जाता है। प्लास्टिक या स्टील का कलश रखने से बचें, क्योंकि यह शुभ नहीं माना जाता है।
कलश को बार-बार न हिलाएं
एक बार जब कलश स्थापित कर दिया जाए, तो उसे नौ दिनों तक अपनी जगह से न हिलाएं। बार-बार छूने या इधर-उधर करने से पूजा में बाधा आ सकती है। इसलिए कलश को सही जगह पर स्थापित करें और फिर उसे न छेड़ें।
सही मुहूर्त में करें स्थापना
कलश स्थापना किसी भी समय नहीं की जाती, इसके लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना जरूरी होता है। पंचांग के अनुसार, इस बार 30 मार्च को घटस्थापना का सही समय सुबह 6:13 से 10:22 बजे तक है। इसके अलावा, दोपहर 12:01 से 12:50 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। मान्यता है कि इस दौरान कलश स्थापित करने से देवी दुर्गा की विशेष कृपा मिलती है।
डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।