Chaitra Navratri Kab Se Hai: हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के साथ ही हिंदू नववर्ष का भी आरंभ हो जाता है। इस साल की चैत्र नवरात्रि काफी शुभ मानी जा रही है। ग्रहों की स्थिति के साथ-साथ कई राजयोगों का भी निर्माण हो रहा है। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार साल में कुल चार बार नवरात्रि होती है जिसमें दो गुप्त नवरात्रि होती है, जिसे तंत्र साधना के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। वहीं अन्य दो नवरात्रि को चैत्र और शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। ऐसे ही चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होने वाली नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। नौ दिनों तक पड़ने वाली इस नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने का विधान है। इसके साथ ही कलश स्थापना करने के साथ व्रत रखने का विधान है। इस साल चैत्र नवरात्रि 9 नहीं बल्कि केवल 8 दिन की पड़ रही है जिसकी शुरुआत 30 मार्च से हो रही है। आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि कब से कब तक है और कलश स्थापना का मुहूर्त से लेकर नवरात्रि कैलेंडर तक…

कब से कब तक होगी चैत्र नवरात्रि 2025? (Chaitra Navratri 2025 Date)

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च शाम 4 बजकर 27 मिनट से शुरू हो रहा है, जो 30 मार्च दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में चैत्र नवरात्रि का आरंभ 30 मार्च से हो रहा है, जो 6 अप्रैल 2025 को रामनवमी के साथ समाप्त होगी। इसके साथ ही 7 अप्रैल को नवरात्रि का पारण किया जाएगा।

चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्त 2025 (Chaitra Navratri Kalash Sthapna Muhurta 2025)

पहला मुहूर्त – 30 मार्च 2025 को सुबह 06:13 मिनट से सुबह 10:22 मिनट तक है.
दूसरा मुहूर्त – वहीं, घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:01 मिनट से 12:50 मिनट तक है…

9 नहीं बल्कि 8 दिन की होगी चैत्र नवरात्रि

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र नवरात्रि पूरे 9 दिन ही नहीं बल्कि 8 दिन की होगी। चैत्र नवरात्र में पंचमी तिथि का छय हो रहा है। इसलिए 8 दिन के ही नवरात्रि पड़ेगी।

दुर्गा स्तुति मंत्र (Durga Stutu Mantra)

जय भगवति देवी नमो वरदे जय पापविनाशिनि बहुफलदे।
जय शुम्भनिशुम्भकपालधरे प्रणमामि तु देवी नरार्तिहरे॥1॥
जय चन्द्रदिवाकरनेत्रधरे जय पावकभूषितवक्त्रवरे।
जय भैरवदेहनिलीनपरे जय अन्धकदैत्यविशोषकरे॥2॥
जय महिषविमर्दिनि शूलकरे जय लोकसमस्तकपापहरे।
जय देवी पितामहविष्णुनते जय भास्करशक्रशिरोवनते॥3॥
जय षण्मुखसायुधईशनुते जय सागरगामिनि शम्भुनुते।
जय दु:खदरिद्रविनाशकरे जय पुत्रकलत्रविवृद्धिकरे॥4॥
जय देवी समस्तशरीरधरे जय नाकविदर्शिनि दु:खहरे।
जय व्याधिविनाशिनि मोक्ष करे जय वाञ्छितदायिनि सिद्धिवरे॥5॥
एतद्व्यासकृतं स्तोत्रं य: पठेन्नियत: शुचि:।
गृहे वा शुद्धभावेन प्रीता भगवती सदा॥6॥

चैत्र नवरात्रि कैलेंडर 2025 (Chaitra Navratri Calendar 2025)

दिनतिथिवारदेवी पूजा
प्रतिपदा30 मार्च 2025रविवारमां शैलपुत्री
द्वितीया31 मार्च 2025सोमवारमां ब्रह्मचारिण, मां चंद्रघंटा
तृतीया1 अप्रैल 2025मंगलवारमां कूष्मांडा
चतुर्थी2 अप्रैल 2बुधवारमां स्कंदमाता
पं33अप्रैल 2025गुरुवारमां कात्यायनी
षष्ठी44 अप्रैल 2025शुक्रवारमां कालरात्रि
सप्तमी5 अप्रैल 2025शनिवारमां महागौरी
अष्टमी6 अप्रैल 2025रविवारमां सिद्धिदात्री, राम नवमी

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस सप्ताह ग्रहों की स्थिति के हिसाब से कई राजयोगों का निर्माण हो रहा है, जिससे 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से प्रभाव अवश्य देखने को मिलने वाला है। आइए जानते हैं मार्च माह का तीसरा सप्ताह किन राशियों के लकी होगा और किन्हें संभलकर रहने की जरूरत है। जानें साप्ताहिक राशिफल

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