Kalash Sthapana Muhurat, Chaitra Navratri 2025 Day 1 Updates: चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म का बहुत ही पावन पर्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत आज यानी 30 मार्च 2025 से हो रही है। खास बात यह है कि इस बार नवरात्रि पूरे 9 दिन नहीं बल्कि 8 दिन की होगी। इसी दिन से हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत होती है, इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है, जिसे कलश स्थापना भी कहते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सही मुहूर्त में कलश स्थापित करने से मां दुर्गा की कृपा बनी रहती है। घटस्थापना के दिन भक्तजन विधि-विधान से कलश स्थापित करेंगे और नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा करेंगे।

कब से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि 2025?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ नवरात्रि की शुरुआत होती है और नवमी तिथि के साथ समाप्त होती है। ऐसे में वै​दिक पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू हो रही है और यह 6 अप्रैल तक चलेगा।

नवरात्रि में मां के 9 स्वरूपों की पूजा

नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। पहले दिन मां शैलपुत्री, फिर ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है। हर दिन मां के अलग स्वरूप की पूजा का खास महत्व होता है। वहीं, नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन छोटी बच्चियों को मां दुर्गा का रूप मानकर उनकी पूजा की जाती है और उन्हें भोजन कराया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि के दौरान कलश स्थापना कब करें, पूजा विधि क्या है। यहां जानिए चैत्र नवरात्रि से जुड़ी हर एक अपडेट…

Live Updates
19:24 (IST) 30 Mar 2025
चैत्र नवरात्रि 2025 कैलेंडर (Chaitra Navratri 2025)

30 मार्च 2025- नवरात्रि का पहला दिन- शैलपुत्री माता

31 मार्च 2025- नवरात्रि का दूसरा और तीसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी और देवी चंद्रघंटा,

1 अप्रैल 2025- नवरात्रि का चौथा दिन- देवी कूष्मांडा

2 अप्रैल 2025- नवरात्रि का पांचवां दिन- स्कंदमाता

3 अप्रैल 2025 - नवरात्रि का छठा दिन, षष्ठी पूजा- कात्यायनी माता

4 अप्रैल 2025- नवरात्रि का सातवां दिन, सप्तमी पूजा- मां कालरात्रि

5 अप्रैल 2025- नवरात्रि का आठवां दिन, दुर्गा अष्टमी- मां महागौरी

6 अप्रैल 2025- नवरात्रि का नौवां दिन, दुर्गा नवमी- मां सिद्धिदात्री देवी

19:13 (IST) 30 Mar 2025
चैत्र नवरात्रि में 9 दिनों के 9 मंत्र (Chaitra Navratri 9 Days Puja Mantra)

ॐ शैलपुत्र्यै नमः

ॐ ब्रह्मचारिण्यै नमः

ॐ चंद्रघंटायै नमः

ॐ कूष्माण्डायै नमः

ॐ स्कंदमातायै नमः

ॐ कात्यायन्यै नमः

ॐ कालरात्र्यै नमः

ॐ महागौरिये नमः

ॐ सिद्धिदात्र्यै नमः

17:16 (IST) 30 Mar 2025
चैत्र नवरात्रि में इन चीजों से करें परहेज (Chaitra Navratri 2025)

चैत्र नवरात्रि के दौरान बाल कटवाना, नाखून काटना और शेविंग करना वर्जित माना जाता है। इस दौरान मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। क्रोध, अहंकार, किसी की निंदा और झूठ बोलने से भी बचें।

16:11 (IST) 30 Mar 2025
नवरात्रि में मां के 9 स्वरूपों की पूजा (Chaitra Navratri 2025)

नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। पहले दिन मां शैलपुत्री, फिर ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है।

15:52 (IST) 30 Mar 2025
मां दुर्गा के मंत्र (Maa Durga Mantra)

1. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।

2. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।

3. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।

4. नवार्ण मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै'

5. दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः। सवर्स्धः स्मृता मतिमतीव शुभाम् ददासि

15:08 (IST) 30 Mar 2025
नवरात्रि के 9 दिन माता को क्या-क्या भोग लगाएं? (Chaitra Navratri 2025)

पहला दिन (मां शैलपुत्री) - इस दिन माता रानी को दूध और घी से बनी सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं।

दूसरा दिन (मां ब्रह्मचारिणी) - इस दिन देवी को चीनी या गुड़ का भोग लगाएं।

तीसरा दिन (मां चंद्रघंटा) - चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन देवी दुर्गा को दूध या मेवा से बनी चीजों का भोग लगाएं।

चौथा दिन (मां कूष्मांडा) - चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां शेरावाली को मालपुआ का भोग लगाएं।

पांचवा दिन (मां स्कंदमाता) - नवरात्रि के पांचवें दिन माता रानी को केले का भोग लगाएं।

छठा दिन (मां कात्यायनी) - चैत्र नवरात्रि के छठे दिन देवी मां को शहद या मीठा पान चढ़ाएं।

सातवां दिन (मां कालरात्रि) - इस दिन देवी मां को गुड़ का भोग लगाना चाहिए।

आठवां दिन (मां महागौरी) - इस दिन मां दुर्गा को नारियल, खीर-पूड़ी का भोग लगाएं।

नौवां दिन (मां सिद्धिदात्री) - इस दिन माता रानी को चने और हलवे का भोग लगाएं।

14:38 (IST) 30 Mar 2025
मां जगजननी की आरती (Chaitra Navratri 2025)

जगजननी जय! जय!!

माँ! जगजननी जय! जय!!

भयहारिणि, भवतारिणि,

माँ भवभामिनि जय! जय ॥

जगजननी जय जय..॥

तू ही सत-चित-सुखमय,

शुद्ध ब्रह्मरूपा ।

सत्य सनातन सुन्दर,

पर-शिव सुर-भूपा ॥

जगजननी जय जय..॥

आदि अनादि अनामय,

अविचल अविनाशी ।

अमल अनन्त अगोचर,

अज आनँदराशी ॥

जगजननी जय जय..॥

अविकारी, अघहारी,

अकल, कलाधारी ।

कर्त्ता विधि, भर्त्ता हरि,

हर सँहारकारी ॥

जगजननी जय जय..॥

तू विधिवधू, रमा,

तू उमा, महामाया ।

मूल प्रकृति विद्या तू,

तू जननी, जाया ॥

जगजननी जय जय..॥

राम, कृष्ण तू, सीता,

व्रजरानी राधा ।

तू वांछाकल्पद्रुम,

हारिणि सब बाधा ॥

जगजननी जय जय..॥

दश विद्या, नव दुर्गा,

नानाशस्त्रकरा ।

अष्टमातृका, योगिनि,

नव नव रूप धरा ॥

जगजननी जय जय..॥

तू परधामनिवासिनि,

महाविलासिनि तू ।

तू ही श्मशानविहारिणि,

ताण्डवलासिनि तू ॥

जगजननी जय जय..॥

सुर-मुनि-मोहिनि सौम्या,

तू शोभाऽऽधारा ।

विवसन विकट-सरुपा,

प्रलयमयी धारा ॥

जगजननी जय जय..॥

तू ही स्नेह-सुधामयि,

तू अति गरलमना ।

रत्नविभूषित तू ही,

तू ही अस्थि-तना ॥

जगजननी जय जय..॥

मूलाधारनिवासिनि,

इह-पर-सिद्धिप्रदे ।

कालातीता काली,

कमला तू वरदे ॥

जगजननी जय जय..॥

शक्ति शक्तिधर तू ही,

नित्य अभेदमयी ।

भेदप्रदर्शिनि वाणी,

विमले! वेदत्रयी ॥

जगजननी जय जय..॥

हम अति दीन दुखी माँ!,

विपत-जाल घेरे ।

हैं कपूत अति कपटी,

पर बालक तेरे ॥

जगजननी जय जय..॥

निज स्वभाववश जननी!,

दयादृष्टि कीजै ।

करुणा कर करुणामयि!

चरण-शरण दीजै ॥

जगजननी जय जय..॥

जगजननी जय! जय!!

माँ! जगजननी जय! जय!!

भयहारिणि, भवतारिणि,

माँ भवभामिनि जय! जय ॥

जगजननी जय जय..॥

14:02 (IST) 30 Mar 2025
चैत्र नवरात्रि में 9 दिनों के 9 मंत्र (Chaitra Navratri 9 Days Puja Mantra)

ॐ शैलपुत्र्यै नमः

ॐ ब्रह्मचारिण्यै नमः

ॐ चंद्रघंटायै नमः

ॐ कूष्माण्डायै नमः

ॐ स्कंदमातायै नमः

ॐ कात्यायन्यै नमः

ॐ कालरात्र्यै नमः

ॐ महागौरिये नमः

ॐ सिद्धिदात्र्यै नमः

13:33 (IST) 30 Mar 2025
चैत्र नवरात्रि 2025 कैलेंडर (Chaitra Navratri 2025)

30 मार्च 2025- नवरात्रि का पहला दिन- शैलपुत्री माता

31 मार्च 2025- नवरात्रि का दूसरा और तीसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी और देवी चंद्रघंटा,

1 अप्रैल 2025- नवरात्रि का चौथा दिन- देवी कूष्मांडा

2 अप्रैल 2025- नवरात्रि का पांचवां दिन- स्कंदमाता

3 अप्रैल 2025 - नवरात्रि का छठा दिन, षष्ठी पूजा- कात्यायनी माता

4 अप्रैल 2025- नवरात्रि का सातवां दिन, सप्तमी पूजा- मां कालरात्रि

5 अप्रैल 2025- नवरात्रि का आठवां दिन, दुर्गा अष्टमी- मां महागौरी

6 अप्रैल 2025- नवरात्रि का नौवां दिन, दुर्गा नवमी- मां सिद्धिदात्री देवी

13:03 (IST) 30 Mar 2025
चैत्र नवरात्रि में इन चीजों से करें परहेज (Chaitra Navratri 2025)

चैत्र नवरात्रि के दौरान बाल कटवाना, नाखून काटना और शेविंग करना वर्जित माना जाता है। इस दौरान मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। क्रोध, अहंकार, किसी की निंदा और झूठ बोलने से भी बचें।

12:44 (IST) 30 Mar 2025
चैत्र नवरात्रि में इन बातों का रखें ख्याल (Chaitra Navratri 2025)

इस बात का खास ध्यान रखें कि चैत्र नवरात्रि के दौरान आपको सुबह जल्दी उठना चाहिए। साथ ही, पूजा के प्रसाद और जल को किसी भी अशुद्ध स्थान पर न रखें। व्रतधारी पूरी श्रद्धा और नियमों का पालन करें।

12:12 (IST) 30 Mar 2025
चैत्र नवरात्रि में 9 दिनों के 9 मंत्र (Chaitra Navratri 9 Days Puja Mantra)

ॐ शैलपुत्र्यै नमः

ॐ ब्रह्मचारिण्यै नमः

ॐ चंद्रघंटायै नमः

ॐ कूष्माण्डायै नमः

ॐ स्कंदमातायै नमः

ॐ कात्यायन्यै नमः

ॐ कालरात्र्यै नमः

ॐ महागौरिये नमः

ॐ सिद्धिदात्र्यै नमः

11:27 (IST) 30 Mar 2025
चैत्र नवरात्रि अभिजीत मुहूर्त (Chaitra Navratri 2025)

अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक

11:19 (IST) 30 Mar 2025
नवरात्रि के पहले दिन किस देवी की पूजा होती है? (Chaitra Navratri 2025)

आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है और नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। वहीं, आज चैत्र नवरात्रि का पहला दिन है और पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती हैं।

11:07 (IST) 30 Mar 2025
चैत्र नवरात्रि का पहला दिन आज (Chaitra Navratri 2025 Day 1)

आज चैत्र नवरात्रि का पहला दिन है और नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।

10:45 (IST) 30 Mar 2025
नवरात्रि व्रत कथा (Navratri Vrat Katha)

हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में पूजा के दौरान व्रत कथा को पढ़ना जरूरी होता है। वरना पूजा अधूरी मानी जाती है।

https://www.jansatta.com/religion/navratri-vrat-katha-in-hindi-chaitra-navratri-2025-vrat-katha-vidhi-kahani-story-in-hindi/3897713/

10:41 (IST) 30 Mar 2025
चैत्र नवरात्रि इन राशियों के लिए हो सकता है लकी (Chaitra Navratri 2025)

चैत्र नवरात्रि इन 4 राशियों के लिए शुभ साबित हो सकता है। मां दुर्गा की कृपा से नवरात्रि के दौरान इन राशि वाले जातकों की किस्मत चमक सकती है और मेहरबान हो सकती है। आइए जानते हैं इन लकी राशियों के बारे में।

https://www.jansatta.com/religion/chaitra-navratri-2025-these-zodiac-signs-luck-will-shine-from-chaitra-navratri-maa-durga-will-bless-with-prosperity-lucky-horoscope/3881687/

10:14 (IST) 30 Mar 2025
मां शैलपुत्री पूजा मंत्र (Shailputri Mata Puja Mantra)

1- ऊँ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥

2- वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

3- या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

09:51 (IST) 30 Mar 2025
नवरात्रि में अपने प्रियजनों को भेजें ये भक्तिमय संदेश (Chaitra Navratri 2025)

ॐ जटा जूट समायुक्तमर्धेंन्दु कृत लक्षणाम|

लोचनत्रय संयुक्तां पद्मेन्दुसद्यशाननाम॥

नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।

मां तेरी दुनिया में भय से जब सिमट जाऊं,

चारों ओर अंधेरा ही अंधेरा घना पाऊं,

बन के रौशनी तुम राह दिखा देना,

मां शेरावाली मुझे अपने दरबार बुला लेना,

शेरा वाली मां की जय।

चांद की चांदनी, बसंत की बहार

फूलों की खुशबु, अपनों का प्यार

मुबारक हो आपको, नवरात्रि का त्योहार…

जय माता दी!

मां दुर्गा की कृपा से आपके जीवन में सुख,

समृद्धि और शांति बनी रहे।

जय माता दी!

नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं!

मिलता है सच्चा सुख केवल, मैया तुम्हारे चरणों में

यह विनती है हर पल मैया, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में

Happy Navratri 2025

09:27 (IST) 30 Mar 2025
माता शैलपुत्री देवी कवच (Shailputri Mata Kavach)

ओमकार:में शिर: पातुमूलाधार निवासिनी।

हींकार,पातुललाटेबीजरूपामहेश्वरी॥

श्रीकार:पातुवदनेलज्जारूपामहेश्वरी।

हूंकार:पातुहृदयेतारिणी शक्ति स्वघृत॥

फट्कार:पातुसर्वागेसर्व सिद्धि फलप्रदा।

09:12 (IST) 30 Mar 2025
चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri 2025 Ghatasthapana Muhurat)

घटस्‍थापना या कलश स्‍थापना का मुहूर्त- 30 मार्च, रविवार को सुबह 06 बजकर 13 मिनट से प्रारंभ होगा और सुबह 10 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।

अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक

09:04 (IST) 30 Mar 2025
मां जगजननी की आरती (Chaitra Navratri 2025)

जगजननी जय! जय!!

माँ! जगजननी जय! जय!!

भयहारिणि, भवतारिणि,

माँ भवभामिनि जय! जय ॥

जगजननी जय जय..॥

तू ही सत-चित-सुखमय,

शुद्ध ब्रह्मरूपा ।

सत्य सनातन सुन्दर,

पर-शिव सुर-भूपा ॥

जगजननी जय जय..॥

आदि अनादि अनामय,

अविचल अविनाशी ।

अमल अनन्त अगोचर,

अज आनँदराशी ॥

जगजननी जय जय..॥

अविकारी, अघहारी,

अकल, कलाधारी ।

कर्त्ता विधि, भर्त्ता हरि,

हर सँहारकारी ॥

जगजननी जय जय..॥

तू विधिवधू, रमा,

तू उमा, महामाया ।

मूल प्रकृति विद्या तू,

तू जननी, जाया ॥

जगजननी जय जय..॥

राम, कृष्ण तू, सीता,

व्रजरानी राधा ।

तू वांछाकल्पद्रुम,

हारिणि सब बाधा ॥

जगजननी जय जय..॥

दश विद्या, नव दुर्गा,

नानाशस्त्रकरा ।

अष्टमातृका, योगिनि,

नव नव रूप धरा ॥

जगजननी जय जय..॥

तू परधामनिवासिनि,

महाविलासिनि तू ।

तू ही श्मशानविहारिणि,

ताण्डवलासिनि तू ॥

जगजननी जय जय..॥

सुर-मुनि-मोहिनि सौम्या,

तू शोभाऽऽधारा ।

विवसन विकट-सरुपा,

प्रलयमयी धारा ॥

जगजननी जय जय..॥

तू ही स्नेह-सुधामयि,

तू अति गरलमना ।

रत्नविभूषित तू ही,

तू ही अस्थि-तना ॥

जगजननी जय जय..॥

मूलाधारनिवासिनि,

इह-पर-सिद्धिप्रदे ।

कालातीता काली,

कमला तू वरदे ॥

जगजननी जय जय..॥

शक्ति शक्तिधर तू ही,

नित्य अभेदमयी ।

भेदप्रदर्शिनि वाणी,

विमले! वेदत्रयी ॥

जगजननी जय जय..॥

हम अति दीन दुखी माँ!,

विपत-जाल घेरे ।

हैं कपूत अति कपटी,

पर बालक तेरे ॥

जगजननी जय जय..॥

निज स्वभाववश जननी!,

दयादृष्टि कीजै ।

करुणा कर करुणामयि!

चरण-शरण दीजै ॥

जगजननी जय जय..॥

जगजननी जय! जय!!

माँ! जगजननी जय! जय!!

भयहारिणि, भवतारिणि,

माँ भवभामिनि जय! जय ॥

जगजननी जय जय..॥

08:57 (IST) 30 Mar 2025
दुर्गा चालीसा (Chaitra Navratri 2025)

नमो नमो दुर्गे सुख करनी ।

नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी ॥

निरंकार है ज्योति तुम्हारी ।

तिहूँ लोक फैली उजियारी ॥

शशि ललाट मुख महाविशाला ।

नेत्र लाल भृकुटि विकराला ॥

रूप मातु को अधिक सुहावे ।

दरश करत जन अति सुख पावे ॥

तुम संसार शक्ति लै कीना ।

पालन हेतु अन्न धन दीना ॥

अन्नपूर्णा हुई जग पाला ।

तुम ही आदि सुन्दरी बाला ॥

प्रलयकाल सब नाशन हारी ।

तुम गौरी शिवशंकर प्यारी ॥

शिव योगी तुम्हरे गुण गावें ।

ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें ॥

रूप सरस्वती को तुम धारा ।

दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा ॥

धरयो रूप नरसिंह को अम्बा ।

परगट भई फाड़कर खम्बा ॥

रक्षा करि प्रह्लाद बचायो ।

हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो ॥

लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं ।

श्री नारायण अंग समाहीं ॥

क्षीरसिन्धु में करत विलासा ।

दयासिन्धु दीजै मन आसा ॥

हिंगलाज में तुम्हीं भवानी ।

महिमा अमित न जात बखानी ॥

मातंगी अरु धूमावति माता ।

भुवनेश्वरी बगला सुख दाता ॥

श्री भैरव तारा जग तारिणी ।

छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी ॥

केहरि वाहन सोह भवानी ।

लांगुर वीर चलत अगवानी ॥

कर में खप्पर खड्ग विराजै ।

जाको देख काल डर भाजै ॥

सोहै अस्त्र और त्रिशूला ।

जाते उठत शत्रु हिय शूला ॥

नगरकोट में तुम्हीं विराजत ।

तिहुँलोक में डंका बाजत ॥

शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे ।

रक्तबीज शंखन संहारे ॥

महिषासुर नृप अति अभिमानी ।

जेहि अघ भार मही अकुलानी ॥

रूप कराल कालिका धारा ।

सेन सहित तुम तिहि संहारा ॥

परी गाढ़ सन्तन पर जब जब ।

भई सहाय मातु तुम तब तब ॥

अमरपुरी अरु बासव लोका ।

तब महिमा सब रहें अशोका ॥

ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी ।

तुम्हें सदा पूजें नरनारी ॥

प्रेम भक्ति से जो यश गावें ।

दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें ॥

ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई ।

जन्ममरण ताकौ छुटि जाई ॥

जोगी सुर मुनि कहत पुकारी ।

योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी ॥

शंकर आचारज तप कीनो ।

काम अरु क्रोध जीति सब लीनो ॥

निशिदिन ध्यान धरो शंकर को ।

काहु काल नहिं सुमिरो तुमको ॥

शक्ति रूप का मरम न पायो ।

शक्ति गई तब मन पछितायो ॥

शरणागत हुई कीर्ति बखानी ।

जय जय जय जगदम्ब भवानी ॥

भई प्रसन्न आदि जगदम्बा ।

दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा ॥

मोको मातु कष्ट अति घेरो ।

तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो ॥

आशा तृष्णा निपट सतावें ।

मोह मदादिक सब बिनशावें ॥

शत्रु नाश कीजै महारानी ।

सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी ॥

करो कृपा हे मातु दयाला ।

ऋद्धिसिद्धि दै करहु निहाला ॥

जब लगि जिऊँ दया फल पाऊँ ।

तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊँ ॥

श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै ।

सब सुख भोग परमपद पावै ॥

देवीदास शरण निज जानी ।

कहु कृपा जगदम्ब भवानी ॥

08:51 (IST) 30 Mar 2025
मां दुर्गा की आरती (Maa Durga Aarti)

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥

जय अम्बे गौरी

माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को।

उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको॥

जय अम्बे गौरी

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।

रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै॥

जय अम्बे गौरी

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।

सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी॥

जय अम्बे गौरी

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।

कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति॥

जय अम्बे गौरी

शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती।

धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती॥

जय अम्बे गौरी

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।

मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥

जय अम्बे गौरी

ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी।

आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी॥

जय अम्बे गौरी

चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूँ।

बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु॥

जय अम्बे गौरी

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।

भक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता॥

जय अम्बे गौरी

भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी।

मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी॥

जय अम्बे गौरी

कन्चन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।

श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति॥

जय अम्बे गौरी

श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै।

कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै॥

जय अम्बे गौरी

08:47 (IST) 30 Mar 2025
कलश में जल भरने का मंत्र (Chaitra Navratri 2025)

कलश में जल भरते समय इस मंत्र को बोलना चाहिए। ओम वरुणस्योत्तम्भनमसि वरुणस्य स्काभसर्जनी स्थो वरुणस्य ऋतसदन्यसि वरुणस्य ऋतसदनमसि वरुणस्य ऋतसदनमा सीद।।

08:43 (IST) 30 Mar 2025
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन बनेंगे ये शुभ योग (Chaitra Navratri 2025)

नवरात्रि की शुरुआत इस बार बहुत शुभ मानी जा रही है। वैदिक पंचांग के अनुसार, पहले दिन पांच बड़े योग बन रहे हैं, जिनमें सर्वार्थ सिद्धि, एंद्र योग, शुक्रादित्य योग, बुधादित्य योग और लक्ष्मीनारायण योग शामिल हैं। मान्यता है कि इन शुभ योगों में पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

08:32 (IST) 30 Mar 2025
चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri 2025 Ghatasthapana Muhurat)

घटस्‍थापना या कलश स्‍थापना का मुहूर्त- 30 मार्च, रविवार को सुबह 06 बजकर 13 मिनट से प्रारंभ होगा और सुबह 10 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।

अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक

08:21 (IST) 30 Mar 2025
मां शैलपुत्री भोग (Maa Shailputri Bhog)

पहले दिन मां शैलपुत्री को गाय के दूध और घी से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। आप उन्हें दूध से बनी बर्फी या खीर का भोग चढ़ा सकते हैं। मान्यता है कि इससे घर में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

08:21 (IST) 30 Mar 2025
चैत्र नवरात्रि का पहला दिन (Chaitra Navratri Day 1 Maa Shailputri)

हिंदू पंचांग के अनुसार, 30 मार्च 2025 को चैत्र नवरात्रि का पहला दिन है और नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।

08:01 (IST) 30 Mar 2025
नवरात्रि पूजन के लिए सामग्री (Navratri Puja Samagri)

माता दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति

लाल रंग का कपड़ा बिछाने के लिए

लकड़ी की चौकी

फूल

माला

सिंदूर

अक्षत

मिठाई

सोहल श्रृंगार

कमलगट्टा

पंचमेवा

पान

सुपारी

लौंग

बताशा

दीपक

धूप

घी

अगरबत्ती

कुछ पैसे

थोड़ी छोटी इलायची</p>

एक लोटे में जल

फल

जायफल

जावित्री

नारियल

नैवेद्य

भोग के लिए फल, मेवे