Chaitra Navratri 2025 Akhand Jyoti Niyam: हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ नवरात्रि आरंभ हो रही है, जो नवमी तिथि को समाप्त होती है। बता दें कि इस साल चैत्र नवरात्रि 9 नहीं बल्कि 8 दिन की होगी। ऐसे में 31 मार्च से आरंभ होकर 6 अप्रैल को समाप्त हो जाएगी। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने के साथ कलश स्थापना करने का विधान है। जो जातक पूरे नौ दिनों तक व्रत रखते हैं, तो वह कलश स्थापना के साथ अखंड ज्योत भी जलाते हैं। यह बहुत ही पवित्र ज्योत होती है, जो पूरे नवरात्रि जलाई जाती है। अगर इस साल आप भी नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योत जलाने की सोच रहे हैं, तो इन नियमों का जरूर पालन करें। ऐसा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती हैं और अकाल मृत्यु से भी बचाव होता है। आइए जानते हैं अखंड ज्योत को किन दिशा में जलाने से कौन से फल प्राप्त होते हैं….
शास्त्रों के अनुसार, पूजा के दौरान आमतौर पर दो तरह के दीपक जलाए जाते हैं एक कर्मदीप, जो सिर्फ पूजा के समय जलाया जाता है और दूसरा अखंड दीपक, जिसे अखंड ज्योत भी कहते हैं। यह दीपक व्रत, त्योहार और मांगलिक काम के आरंभ होने से साथ जलाया जाता है। ऐसे में अगर आप नवरात्रि में आप अखंड ज्योत जलाते हैं, तो वह नवरात्रि पारण के बाद ही बंद होना चाहिए।
पूर्व दिशा की ओर अखंड ज्योत जलाने का फल
अगर आप अखंड ज्योत पूर्व दिशा की ओर जलाते हैं, तो मां दुर्गा के साथ-साथ अन्य देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं। इस दिशा में जलाने से घर में सुख-शांति, धन-वैभव की प्राप्ति होती है।
पश्चिम दिशा की ओर अखंड ज्योत जलाने का फल
अखंड ज्योत को पश्चिम दिशा की ओर रखने से मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है। ऐसे में आपको सुख-समृद्धि, संपन्नता की प्राप्ति होती है।
दक्षिण दिशा की ओर अखंड ज्योत जलाने का फल
देवी भगवती पुराण के अनुसार, दक्षिण दिशा की ओर कभी भी अखंड ज्योत जलाकर नहीं रखना चाहिए, क्योंकि ये दिशा यमराज की मानी जाती है। ऐसे में इस दिशा में अखंड ज्योत जलाने से धन हानि के साथ बीमारी और मृत्यु के योग बनते है।
उत्तर दिशा की ओर अखंड ज्योति जलाना
उत्तर दिशा को भी काफी शुभ दिशा माना जाता है। इस दिशा में कुबेर भगवान का निवास होता है। ऐसे में इस दिशा में की ओर अखंड ज्योत जलाने से सुख-समृद्धि आती है और अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।
दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर अखंड ज्योत जलाना
देवी भगवती पुराण के अनुसार, आग्नेय कोण यानी दक्षिण-पूर्व की ओर अखंड ज्योत जलाना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। इस ओर अखंड ज्योत जलाने से सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।
चैत्र नवरात्रि पर अखंड ज्योत जलाते समय बोलें ये मंत्र
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति जनार्दन:
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नामोस्तुते।
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते।।
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