Chaitra Navratri 2024 Paran: सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित नवरात्रि साल में 4 बार आती है। जिसमें से दो गुप्त नवरात्रि और दो शारदीय और चैत्र नवरात्रि होती है। गुप्त नवरात्रि के दौरान तंत्र साधना करना शुभ माना जाता है। वहीं चैत्र और शारदीय में गृहस्थ साधक भी व्रत रखते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ नवरात्रि आरंभ हुई थी, जो नवमी तिथि को समाप्त हो गई है। नौ दिनों तक चलने वाले इस व्रत का पारण किया जाता है। माना जाता है कि जिसके बिना व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है। अधिकतर साधक नवरात्रि के व्रत का पारण नवमी या फिर दशमी तिथि को कर देते हैं। लेकिन दशमी तिथि को करना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि के व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त और विधि…

दशमी तिथि को पारण करना शुभ

नवरात्रि के व्रत का पारण दशमी तिथि के दिन करना सबसे शुभ माना जाता है। लेकिन कई साधक नवमी तिथि समाप्त होने के साथ व्रत खोल लेते हैं।

नवरात्रि व्रत पारण का समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि 16 अप्रैल दोपहर 2 बजकर 42 से हो गई थी, जो आज दोपहर 3 बजकर 16 मिनट पर होते ही दशमी तिथि आरंभ हो जाएगी। लेकिन उदया तिथि के हिसाब से दशमी 18 अप्रैल को ही मानी जाएगी।

अगर आप नवमी तिथि को ही व्रत खोलना चाहते हैं तो आज दोपहर 3 बजकर 16 मिनट के बाद सूर्यास्त से पहले पारण कर सकते हैं।

चैत्र नवरात्रि पारण विधि

दशमी तिथि के दिन मां दुर्गा और उनके स्वरूपों की विधिवत पूजा करने के साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ कर लें। इसके बाद कन्या भोज कराएं। फिर पंडित या फिर स्वयं से विधि-विधान से हवन कर लें। अगर आपने कलश रखा है, तो उसे हटा दें और उसके पानी को पूरे घर में छिड़क दें। इसके साथ ही जौ को जल में प्रवाहित कर दें। इसके साथ ही मां दुर्गा से अगली बार आने की जरूर कामना करें।  

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