Navratri 2024 3rd Day, Maa Chandraghanta Ji Ki Aarti, Mantra, Vrat Katha Lyrics in Hindi: नवरात्रि के 9 दिन देवी के अलग- अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है। वहीं आपको बात दें कि नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रंघंटा की पूजा- अर्चना की जाती है। देवी भागवत पुराण के अनुसार, मां दुर्गा का चंद्रघंटा स्वरूप शांतिदायक और कल्याणकारी है। वहीं ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं के मुख से जो ऊर्जा उत्पन्न हुई, उससे एक देवी का प्रादुर्भाव हुआ। जिनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। चंद्रघंटा का अर्थ है, ‘जिसके सिर पर अर्ध चंद्र घंटे के रूप में शोभित है’, आइए जानते हैं मां चंद्रघंटा का स्वरूप, आरती, व्रत कथा और मंत्र…
ऐसा है मां चंद्रघंटा का स्वरूप
अगर हम मां चंद्रघंटा के स्वरूप की बात करें तो माता के गले में सफेद फूलों की माला सुशोभित ह। साथ ही मां बाघ की सवारी करता है। चंद्रघंटा मां की 10 भुजाएं हैं। जिसमें जिसमें वह कमल, धनुष, बाण, खड्ग, कमंडल, तलवार, त्रिशूल और गदा आदि शस्त्र माता हाथ में लिए हुए हैं।
मां चंद्रघंटा पूजा- विधि (Maa Chandraghanta Vrat Katha)
पौराणिक कथाओं के अनुसार जब महिषासुर ने तीनों लोकों में आतंक मचाना शुरू कर दिया तब देवताओं ने ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों से सहायता मांगी। देवताओं की बात को सुनने के बाद तीनों को बहुत क्रोध आया। क्रोध के कारण तीनों के मुख से जो ऊर्जा उत्पन्न हुई, उससे एक देवी का प्रादुर्भाव हुआ। देवी को भगवान शंकर ने अपना त्रिशूल और भगवान विष्णु ने अपना चक्र प्रदान किया। इसी प्रकार अन्य सभी देवताओं ने भी माता को अपने-अपने अस्त्र सौंप दिए। देवराज इंद्र ने देवी को एक घंटा दिया। इसके बाद मां चंद्रघंटा महिषासुर का वध करने पहुंची। महिषासुर का वध करने के लिए देवताओं ने मां का धन्यवाद दिया। इसके बाद देवताओं को महिषासुर के आतंक से मुक्ति मिली।
मां चंद्रघंटा की आरती ( Chandraghanta Mata Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi)
नवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा का ध्यान।
मस्तक पर है अर्ध चन्द्र, मंद मंद मुस्कान॥
दस हाथों में अस्त्र शस्त्र रखे खडग संग बांद।
घंटे के शब्द से हरती दुष्ट के प्राण॥
सिंह वाहिनी दुर्गा का चमके सवर्ण शरीर।
करती विपदा शान्ति हरे भक्त की पीर॥
मधुर वाणी को बोल कर सब को देती ग्यान।
जितने देवी देवता सभी करें सम्मान॥
अपने शांत सवभाव से सबका करती ध्यान।
भव सागर में फंसा हूं मैं, करो मेरा कल्याण॥
नवरात्रों की मां, कृपा कर दो मां।
जय मां चंद्रघंटा, जय मां चंद्रघंटा॥
मां चंद्रघंटा के मंत्र (Maa Chandraghanta Puja Mantra)
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
या देवी सर्वभूतेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥