ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु ग्रह, कुंडली में स्थित 12 भावों पर विभिन्न तरह से प्रभाव डालता है। माना जाता है कि राहु के इन प्रभावों का असर हमारे प्रत्यक्ष जीवन पर पड़ता है। ज्योतिष में राहु एक क्रूर ग्रह है, परंतु यदि राहु कुंडली में मजबूत होता है तो जातकों को इसके अच्छे परिणाम मिलते हैं जबकि कमज़ोर होने पर यह अशुभ फल देता है। आइए विस्तार से जानते हैं-
पंचांग के अनुसार आज यानि 1 अप्रैल 2022, शुक्रवार को चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या है। शास्त्रों और पुराणों के मुताबिक चैत्र मास की अमावस्या एक विशेष तिथि है, शास्त्रों के मुताबिक अमावस्या की तिथि की विधि विधान से की गई पूजा और उपायों के जरिए पापी ग्रह राहु और केतु से संबंधित दोषों से मुक्त हुआ जा सकता है।
चैत्र अमावस्या शुभ मुहूर्त: 01 अप्रैल 2022, शुक्रवार के दिन चैत्र अमावस्या है। हिंदू पंचाग के अनुसार चैत्र अमावस्या तिथि 31 मार्च दोपहर 12:22 मिनट से शुरू 01 अप्रैल को सुबह 11:53 मिनट पर समाप्त होगी।
अमावस्या है शुभ तिथि: ज्योतिष के अनुसार राहु एक छाया ग्रह है, जिसका कोई भौतिक रूप नहीं है। हिन्दू शास्त्रो के अनुसार राहु ग्रह भगवान भैरव देव का प्रतिनिधित्व करता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु को एक पापी ग्रह माना गया है। ऐसा नहीं कि यह ग्रह सिर्फ अशुभ फल ही प्रदान करते हैं, बल्कि ये ग्रह शुभ फल भी प्रदान करते है। उपाय और पूजा से इन ग्रहों को शांत किया जा सकता है।
ज्योतिष के अनुसार अमावस्या की तिथि राहु और केतु की शांति के लिए अच्छी मानी गई है। पंचांग के अनुसार दिन शुक्रवार 1 अप्रैल 2022 को अमावस्या की तिथि है। विशेष बात ये है अमावस्या के ठीक 12 दिन बाद यानि 12 अप्रैल को राहु और केतु का राशि परिवर्तन हो रहा है।
काल सर्प दोष और पितृ दोष: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु और केतु के कारण कुंडली में काल सर्प दोष उत्पन्न होता है। इस दोष से बचने के लिए राहु शांति के उपाय कारगर हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ दोष पाप ग्रह राहु और केतु के कारण जन्म कुंडली में बनता है। जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में यह अशुभ योग बनता है। उसके जीवन में सदैव कष्ट, बाधा और संघर्ष की स्थिति बनी ही रहती है।
राहु और केतु के शांति के उपाय: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु और केतु से परेशान जातक को चैत्र अमावस्या के दिन सात प्रकार के अनाज का दान करना चाहिए। इसके अलावा कांच से बनी चीजें या फिर नीले वस्त्र का दान करने से भी राहु की शांति होती है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस दिन भगवान शिव और प्रथम पूज्य गणेश की आराधना करने से भी जातक राहु दोष से मुक्त हो सकता है। बता दें कि चैत्र माह में आने वाली अमावस्या के दिन पितृदोष से मुक्ति और पितरों का तर्पण, दान आदि किया जाता है।