Budh Mahadasha Effect: वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुरता, अर्थव्यवस्था, व्यापार और मित्र का कारक माना जाता है। वहीं बुध ग्रह कन्या और मिथुन राशि के स्वामी होते हैं। वहीं बुध ग्रह कन्या राशि में उच्च के होते हैं और यह मीन राशि में नीच के माने जाते हैं। वहीं बुध ग्रह की महादशा 17 साल तक चलती है। आपको बता दें कि अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह शुभ स्थित हैं तो आपको सकारात्मक फल मिलेंगे। व्यापार में अच्छा लाभ हो सकता है।
साथ ही वहीं अगर व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ विराजमान है तो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक कई तरह की परेशानियोंं का सामना करना पड़ता है। वहीं उच्चारण मतलब वह हकलाने लगता है। साथ ही वह गणित और वाद- विवाद में कमजोर होता है। ऐसे में यहां हम आपको बताने जा रहे हैं, बुध की महादशा का जीवन में प्रभाव…
बुध ग्रह कुंडली में अशुभ होने पर
अगर बुध ग्रह कुंडली में नकारात्मक और अशुभ का स्थित हो तो व्यक्ति को बुध की दशा में निगेटिव फल मिलता है। साथ ही ऐसे व्यक्ति को कई बार कारोबार में नुकसान उठाना पड़ता है। वहीं व्यक्ति को नाक,कान और चर्म रोग हो सकते हैं। वहीं व्यक्ति के मौसी और बुआ के साथ संबंध खराब रहते हैं। साथ ही व्यक्ति को शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी में नुकसान उठाना पड़ता है। साथ ही बुध के अशुभ होने से व्यक्ति को कम्युनिकेशन को लेकर परेशानी रहती है।
बुध ग्रह जन्म कुंडली में शुभ होने पर
बुध ग्रह अगर कुंडली में शुभ और उच्च के स्थित हो तो व्यक्ति की वाणी प्रभावशाली होती है। वहीं व्यक्ति गणित के विषय में तेज होता है। साथ ही उसकी कैलकुलेशन अच्छी होती है। ऐसे व्यक्ति का करियर एमबीए, गणित टीचर, अर्थशास्त्री, बैंक सेक्टर में अच्छा नाम कमाता है। साथ ही ऐसे लोग वाद- विवाद में बहुत निपुण होते हैं। साथ ही ऐसा व्यक्ति अच्छा व्यापारी होता है। वहीं व्यक्ति हंसमुख होता है। साथ ही व्यक्ति मजाकिया होता है और ऐसा व्यक्ति अपनी सर्किल में लोकप्रिय होता है।