Budh Grah ke Upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों के अनुकूल और प्रतिकूल स्थिति का प्रभाव जातकों की कुंडली पर भी पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को एक शुभ ग्रह माना गया है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध देव बुद्धि, ज्ञान,तर्कक्षमा आदि के कारक माने जाते हैं। कुंडली में बुध ग्रह दोष होने पर कई परेशानियां भी होती हैं। आइए जानते हैं कि ज्योतिष में बुध ग्रह का क्या महत्व है और बुध ग्रह शांति के क्या उपाय बताए गए हैं।

कुंडली में कैसे बनता है बुध दोष (What is Budh Dosh)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस जातक की कुंडली में बुध ग्रह किसी क्रूर ग्रह से पीड़ित होते हैं, तो कुंडली में बुध ग्रह दोष बनता है। इस दोष के कारण जातकों को कई संकटों का सामना करना पड़ता है।

बुध ग्रह दोष के प्रभाव (Effects of Mercury)

बुध ग्रह दोष के कारण जातक को मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर यह दोष छात्र जातक की कुंडली में हो तो उसे पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में समस्या हो सकती है। पेशेवर जीवन और व्यापार में भी हानि हो सकती है। ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह दोष के कई उपाय भी बताए गए हैं। मान्यता है कि इन उपायों को करने से जातक को बुध ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है।

बुध ग्रह शांति के उपाय (Budh Grah Shanti ke Upay)

ज्योतिष में बहुत ग्रह शांति के कई उपाय बताए गए हैं। आइए जानते हैं कि वह उपाय कौन से हैं।

-भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की नियमित पूजा करें।
-बुधवार के दिन व्रत रहें और दान करें।
-बुधवार के दिन बुध यंत्र धारण करें।
-कांस्य के बर्तन, हरे रंग के कपड़े दान करना चाहिए।

बुध ग्रह दोष से होने वाले रोग और उनके उपाय (Budh Grah)

बुध ग्रह दोष होने पर जातकों को कई स्वास्थ संबंधी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। चर्म रोग, बहरापन आदि बीमारियां हो सकती हैं। सूर्योदय के समय सूर्य की रोशनी में बैठें, हरी सब्जियों का सेवन अधिक करें और गायंत्री मंत्र का जाप करें। मान्यता है कि इन उपायों को करने से बुध ग्रह दोष से होने वाली बीमारियों से राहत मिलती है।