कहते हैं कि ईश्वर का स्वरूप निराकार होता है। वैसे तो ईश्वर हमें दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन उनकी शक्ति का एहसास किया जा सकता है। हनुमान जी को समर्पित एक ऐसा ही मंदिर है जो अपने चमत्कारिक शक्तियों के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। बोलाई के हनुमान मंदिर की मान्यता यह भी है कि यहां एक साथ हनुमान और गणेश जी विराजमान हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर के सामने से तब कोई ट्रेन गुजरती है तो उसकी रफ्तार कम हो जाती है। जिससे कोई भी ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने से बच जाती है। परंतु क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? यदि नहीं तो आगे जानते हैं इसे।
हनुमान जी का यह चमत्कारी मंदिर मध्यप्रदेश के शाजापुर के बोलाई में स्थित है। इसे सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर करीब 300 साल पुराना है, जहां भक्तों का तांता लगा रहता है। साथ ही यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी के साथ गणेश जी भी विराजते हैं। इसके अलावा इस मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा के बाईं तरफ भगवान गणेश विराजमान हैं। धार्मिक मान्यता है कि हनुमान और गणेश जी का एक साथ होना बहुत शुभ है। कहते हैं कि यहां आने वाले की हर मनोकामना पूरी होते है।
बता दें कि सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर रतलाम-भोपाल रेलवे ट्रैक के बीच भोलाई स्टेशन से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर है। कहते हैं कि इस मंदिर से कई चमत्कार जुड़े हैं। इस हनुमान मंदिर का सबसे बड़ा चमत्कार यह है कि जब भी कोई ट्रेन मंदिर के सामने से गुजरती है तो उसकी रफ्तार खुद धीमी हो जाती है। ट्रेन के लोको पायलट का कहना है कि मंदिर आने से पहले ही उसे ऐसा आभास हुआ कि ट्रेन की रफ्तार धीमी करने के लिए कह रहा है। अगर कोई ड्राईवर ट्रेन की गति को धीमा नहीं करते है तो ट्रेन की स्पीड अपने आप कम हो जाती है। इस मंदिर में हर मंगलवार, शनिवार और बुधवार को सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
