Neeli Gemstone: मनुष्य को रत्नों का चुनाव बहुत ही सावधानी से करना चाहिए। रत्न केवल शोभा बढ़ाने का साधन नहीं है बल्कि उनमें अलौलिक शक्ति का समावेश है। साथ ही रत्नों में मानव जीवन को सुखमय, उल्लासपूर्ण बनाने की अप्रतिम क्षमता भी है। आज हम बात करने जा रहे हैं ऐसे उपरत्न के बारे में जिसका संबंध कर्मफल दाता शनि देव से है और इसका नाम है नीली। इसी नीलिया और लीलिया भी कहा जाता है।

जी हां, शनि का रत्न कहा जाने वाला नीलम काफी मूल्यवान है और हर किसी के बस में इसे खरीदना भी नहीं है। ऐसे में जातक नीलम के उपरत्न लीलिया को धारण करके नीलम के ही शुभ फल को प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं धारण करने की विधि और इसको धारण करने के फायदे…

चलिए जानते हैं लीलिया के बारे में:

नीली नीलम का उपरत्न है। यह हल्के नीले रंग का चमकीला रत्न है  जिसमें थोड़ी सी रक्तिम ललाई भी होती है। आमतौर पर लीलिया गंगा यमुना और अन्य नदियों के रेतीले किनारों पर मिल सकता है। इसे भी नीलम की तरह ज्योतिषी द्वारा सुझाई गई रत्ती के अनुसार धारण किया जाए तो यह तरक्की के रास्ते खोल सकता है औऱ भाग्योदय कर स सकता है।

नीली धारण करने के लाभ:

रत्नशास्त्र के अनुसार अगर किसी को नीली सूट करता है तो उसके फायदे एकदम दिखने लगते हैं। नीली पहनने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। धन लाभ होने लगता है। साथ ही, नौकरी और व्यापार में तरक्की होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। 

यह लोग कर सकते हैं धारण:

वृष राशि, मिथुन राशि, कन्या राशि, तुला राशि, मकर राशि और कुंभ राशियों को लीलिया धारण करने की सलाह दी जाती है। अगर शनि केंद्र के स्वामी हैं तो भी नीली धारण कर सकते हैं। साथ ही अगर शनि देव सकारात्मक (उच्च) के जन्मकुंडली में स्थित हैं, तो भी नीली धारण कर सकते हैं। लेकिन वो राशियां जिनकी शनिदेव से शत्रुता है, उन्हें लीलिया धारण करने से मना किया जाता है। जैसे मेष, वृश्चिक, कर्क, सिंह राशि वालों को नीली धारण करने से बचना चाहिए। (यह भी पढ़ें)- 48 घंटे बाद ग्रहों के राजा सूर्य कुंभ राशि में करेंगे गोचर, इन राशियों पर पड़ेगा विशेष प्रभाव; खुल सकते हैं तरक्की के नए द्वार

ऐसे करें धारण:

नीली रत्न घर लाने के बाद गंगाजल से भरे किसी पात्र में रख दें और इसे शनिवार के दिन दाएं या बाएं हाथ की मध्यमा (बीच वाली उंगली) अंगुली में पंचधातु या चांदी में धारण किया जाना चाहिए।

नीली पहनने के बाद इन बातों का रखें ध्यान:

नीली धारण करने के बाद दान जरूर करें। शनिवार के दिन मदिरा पान और तामसिक भोजन न करें। विकलांग लोगों की सहायता करें। घर के वृद्ध लोगों का सम्मान करें। नीली धारण करने के बाद गलत कार्य करने और झूठ बोलने से बचें। (यह भी पढ़ें)- प्रतिष्ठा के दाता सूर्य और देवताओं के गुरु बृहस्पति की बन रही युति, इन 4 राशि की धन- दौलत में अपार बढ़ोतरी के आसार