Bhanu Saptami 2024 Date: हिंदू धर्म में भानु सप्तमी का दिन बेहद खास माना जाता है। यह व्रत भगवान सूर्य देव की पूजा के लिए समर्पित है। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर माह में दो बार सप्तमी तिथि आती है और अगर यह तिथि रविवार के दिन पड़ती है, तो वो भानु सप्तमी कहलाती है। इस दिन भगवान सूर्यदेव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। ज्योतिष में सूर्य देव को ऊर्जा, शक्ति और शौर्य का प्रतीक माना गया है। ऐसे में ज्योतिष के अनुसार, इस दिन व्रत रखने और पूजा-अर्चना करने से जातकों को बेहतर स्वास्थ्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा सभी दोषों से भी छुटकारा मिलता है। आपको बता दें कि फिलहाल साल का आखिरी माह दिसंबर चल रहा है और इस माह में भी दो बार भानु सप्तमी का व्रत पड़ेगा। जिसमें 8 दिसंबर 2024 को पहली सप्तमी तिथि थी। ऐसे में आइए जानते हैं साल 2024 की आखिरी भानु सप्तमी कब मनाई जाएगी। साथ ही जानिए भानु सप्तमी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में।
कब है साल की आखिरी भानु सप्तमी 2024? (Bhanu Saptami 2024 Date)
वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह की कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 21 दिसंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से होगी और इस तिथि का समापन 22 दिसंबर 2024 को दोपहर 02 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल की आखिरी भानु सप्तमी 22 दिसंबर 2024 दिन रविवार को मनाई जाएगी।
भानु सप्तमी 2024 पूजा शुभ मुहूर्त (Bhanu Saptami 2024 Shubh Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 21 मिनट से 06 बजकर 16 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 03 मिनट से 02 बजकर 44 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 54 मिनट तक
र्योदय – सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 05 बजकर 29 मिनट पर
चंद्रोदय – रात को 12 बजकर 13 मिनट पर
चन्द्रास्त – दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर
भानु सप्तमी 2024 पूजा विधि (Bhanu Saptami 2024 Puja Vidhi)
भानु सप्तमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और फिर साफ वस्त्र धारण करें। उसके बाद मंदिर की साफ-सफाई करें। फिर सूर्य देव को तांबे के लौटे में जल अर्पित करें। अब घर के मंदिर में दीपक जलाएं और आरती करें फिर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान सूर्य देवता के मंत्रों का जाप करें। इसके साथ ही सूर्य चालीसा का पाठ अवश्य करें। पूजा के बाद भगवान से सुख-शांति की कामना करें।
भानु सप्तमी महत्व (Bhanu Saptami Importance)
भानु सप्तमी के दिन सूर्यदेव की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने और व्रत रखने से जीवन की हर समस्या से छुटकारा मिलता है। वहीं इस दिन सूर्य देवता को अर्घ्य भी देना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से सूर्य दोष से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही घर में खुशहाली और सुख-शांति आती है।
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