Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj: हर व्यक्ति देवी-देवता की कृपा पाने के लिए विभिन्न तरह से पूजा-पाठ करते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि “यत भावो तत भवति”, अर्थात जैसा भाव होगा, वैसा ही फल मिलेगा। जब हम भगवान के लिए भोग बनाते हैं, तो यह केवल एक भोजन नहीं होता, बल्कि श्रद्धा, प्रेम और समर्पण का प्रतीक होता है। यही कारण है कि भोग में शुद्धता का पालन करना अत्यंत आवश्यक माना गया है। पूजा करने से सुख-शांति बनी रहती है। इसके साथ ही घर-परिवार में सकारात्मकता बनी रहती है।

शास्त्रों के अनुसार, माना जाता है कि भगवान को रोजाना भोग अवश्य लगाना चाहिए। ऐसे में उन्हें मिश्री, किशमिश सहित कई चीजें चढ़ाते हैं। इसके अलावा विशेष अवसरों में अपने आराध्य के लिए विभिन्न तरह के पकवान बनाते हैं। भोग भगवान को अर्पित करते समय शुद्धता का विशेष महत्व होता है। लेकिन कई बार ध्यान न देने पर भोग पर मच्छर, मक्खी या बाल आदि गिर जाता है। ऐसे में दिमाग में संशय उत्पन्न होता है कि इसे अब भगवान को चढ़ाना चाहिए कि नहीं? इस सवाल का जवाब प्रेमानंद महाराज ने बहुत ही सरलता के साथ दिया है…

प्रेमानंद महाराज से एकांतिक वार्तालाप में एक व्यक्ति ने पूछा कि महाराज जी अगर भगवान का भोग बनाते समय उसमें मक्खी, मच्छर या फिर बाल गिर जाता है, तो इस अवस्था में फिर से हमें भोग बनाना चाहिए या फिर उसी भोग को चढ़ा देना चाहिए। इस सवाल का जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं ऐसी अवस्था में हमें दोबारा भोग बनाना चाहिए। ये भोग अशुद्ध हो चुका है। इसे आप कैसे प्रभु को चढ़ा सकते हैं। इसलिए जब भी आप भगवान के लिए भोग बनाएं, तो श्रद्धा, शुद्धता के साथ-साथ पूरी एकाग्रता के साथ बनाएं। कभी भी बाल खोलकर भोग न बनाएं। हमेशा अपने बालों को ढक लें। इसके साथ ही भोग बनाते समय किसी से बात न करें क्योंकि इससे आपका थूक भोग में गिर सकता है। इसलिए भोग बनाते समय बात करें, तो मुंह के सामने हाथ लगाकर बात करें, जिससे थूक न गिरे। इसके अलावा पूरी सतर्कता के साथ भोग बनाएं, जिससे किसी भी प्रकार से मच्छर, मक्खी या फिर कोई अन्य कीट न गिरे।

प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि पूरी श्रद्धा और शुद्धता के साथ भगवान को भोग लगाएंगे, तो वह अपने पापों से मुक्ति पा सकता है और भगवान भी प्रसन्न होकर सुख-शांति, समृद्धि का आशीर्वाद देंगे।

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, 28 सितंबर को तुला राशि में रहकर मंगल दिग्बली होने वाले हैं। ऐसे में कुंभ राशि में मौजूद राहु और मिथुन राशि में मौजूद गुरु एक-दूसरे से त्रिकोण में होंगे, जिससे काम त्रिकोण नामक योग का निर्माण होगा। ऐसे में 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से प्रभाव देखने को मिलेगा, लेकिन इन तीन राशि के जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है। जानें इन लकी राशियों के बारे में

मेष राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलवृषभ राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
मिथुन राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलकर्क राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
सिंह राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलकन्या राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
तुला राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलवृश्चिक राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
धनु राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलमकर राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
कुंभ राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलमीन राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल

डिसक्लेमर- इस लेख को विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।