Bhai Dooj 2024 Date and Time, Shubh Muhurat, Puja Vidhi, Tilak Muhurat, Samagri List, Mantra, Vrat Katha: भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के प्यार और उनके रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए मनाया जाता है। ये दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाता है। भाई दूज को यम द्वितीया भी कहते हैं। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, खुशहाल जीवन और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। मान्यता है कि भाई दूज के दिन यमराज अपनी बहन यमुनाजी के घर गए थे और उन्होंने उन्हें तिलक किया था। तभी से भाई दूज पर बहनें अपने भाई का तिलक करती हैं। अलग-अलग स्थानों पर इस पर्व को मनाने का अलग रिवाज है। इसके साथ ही भाई दूज को मनाने के पीछे कई कथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं।
Bhai Dooj 2024 Date, Time, Puja Vidhi LIVE: Check Here
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 2 नवंबर 2024 की रात 8 बजकर 22 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 3 नवंबर 2024 को रात 11 बजकर 6 मिनट पर होगा। ऐसे में 3 नवंबर 2024 को भाई दूज का त्योहार मनाया जाएगा। आइए जानते हैं भाई दूज का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, आरती, व्रत कथा सहित अन्य जानकारी।
भाई दूज के दिन पूजा के दौरान इस मंत्र को भी जरूर पढ़ें। मंत्र इस प्रकार है – ‘गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े।’
भाई दूज के खास मौके पर अगर आप अपने भाई को कुछ मीठा खिलाना चाहती हैं तो आप गुलाब जामुन ट्राई कर सकती हैं। यहां जानिए गुलाब जामुन बनाने की आसान रेसिपी
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज मनाने का विधान है। यहां जानिए भाई दूज की सरल पूजा विधि।
भाई दूज के दिन यम देवता और यमुना का पूजन करना चाहिए। इस दिन कथा भी सुनें। मान्यता है कि भाई दूज के दिन भाई को पान खिलाना चाहिए। ऐसा करना शुभ माना जाता है।
ज्योतिष गणना के अनुसार इस साल भाई दूज पर सौभाग्य योग, शोभन योग बना है।
भाई दूज के दिन पूजा के दौरान इस मंत्र को भी जरूर पढ़ें। मंत्र इस प्रकार है – ‘गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े।’
ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता,
जो नहावे फल पावे सुख सुख की दाता
ॐ पावन श्रीयमुना जल शीतल अगम बहै धारा,
जो जन शरण से कर दिया निस्तारा
ॐ जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे,
यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करे
ॐ कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही,
तुम्हारा बड़ा महातम चारों वेद कही
ॐ आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो,
नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो
ॐ नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी,
मन ‘बेचैन’ भय है तुम बिन वैतरणी
ॐ ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 2 नवंबर को रात 8 बजकर 22 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 3 नवंबर को रात 11 बजकर 06 मिनट पर होगा। इस दिन भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 22 मिनट तक तक रहेगा। इस समय आप अपने भाई को तिलक लगा सकती हैं।
भाई दूज को भाऊ बीज, भाई दूज, भात्र द्वितीया और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन बहनें यमराज की पूजा-अर्चना करती हैं और भाई के लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करती हैं।
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Happy Bhai Dooj 2024 Wishes Quotes, Images: यहां से दें भाईयों के लिए भाई दूज की शुभकामनाएं
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज मनाने का विधान है। यहां जानिए भाई दूज की सरल पूजा विधि।
भाई दूज के दिन पूजा की थाली में सिंदूर, फूल, चावल के दाने, सुपारी, पान का पत्ता, चांदी का सिक्का, नारियल, फूल माला, मिठाई, कलावा, दूब घास और केला रखें। क्योंकि इन चीजों के बिना भाई दूज का पर्व अधूरा माना जाता है
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 2 नवंबर को रात 8 बजकर 22 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 3 नवंबर को रात 11 बजकर 06 मिनट पर होगा। इस दिन भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 22 मिनट तक तक रहेगा। इस समय आप अपने भाई को तिलक लगा सकती हैं।
ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता,
जो नहावे फल पावे सुख सुख की दाता
ॐ पावन श्रीयमुना जल शीतल अगम बहै धारा,
जो जन शरण से कर दिया निस्तारा
ॐ जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे,
यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करे
ॐ कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही,
तुम्हारा बड़ा महातम चारों वेद कही
ॐ आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो,
नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो
ॐ नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी,
मन ‘बेचैन’ भय है तुम बिन वैतरणी
ॐ ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता।
भाई दूज के दिन पूजा के दौरान इस मंत्र को भी जरूर पढ़ें। मंत्र इस प्रकार है – ‘गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े।’
भाई दूज 2024 पर भाई को तिलक लगाने का समय सुबह 7:57 से 9:19 बजे के बीच चर चौघड़िया में टीका करने का पहला मुहूर्त होगा।
भाई दूज के दिन पूजा के दौरान इस मंत्र को भी जरूर पढ़ें। मंत्र इस प्रकार है - ‘गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े।’
भाई दूज पर बहनें भाई को टीका लगाते समय यह मंत्र बोलें – गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को। सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें, फूले-फलें।।
ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता,
जो नहावे फल पावे सुख सुख की दाता
ॐ पावन श्रीयमुना जल शीतल अगम बहै धारा,
जो जन शरण से कर दिया निस्तारा
ॐ जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे,
यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करे
ॐ कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही,
तुम्हारा बड़ा महातम चारों वेद कही
ॐ आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो,
नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो
ॐ नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी,
मन ‘बेचैन’ भय है तुम बिन वैतरणी
ॐ ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता।
भाई दूज 2024 पर भाई को तिलक लगाने का समय सुबह 7:57 से 9:19 बजे के बीच चर चौघड़िया में टीका करने का पहला मुहूर्त होगा।
भाई दूज का त्योहार भाई और बहन के बीच प्यार का प्रतीक है। इस दिन बहनें शुभ मुहूर्त में भाई का तिलक करती हैं और आरती के लिए
थाल सजाती हैं। इस थाली में वह कुमकुम, सिंदूर, मिठाई, सुपारी, चंदन,फल, फूल आदि सामग्री रखती हैं। इसके बाद वह भाई के माथे पर टीका लगाती हैं। फिर उन्हें फूल, पान, सुपारी, बताशे, सूखा नारियल और काले चने देती हैं और मिठाई खिलाती हैं। आखिरी में भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।
भाई दूज के दिन पूजा की थाली में सिंदूर, फूल, चावल के दाने, सुपारी, पान का पत्ता, चांदी का सिक्का, नारियल, फूल माला, मिठाई, कलावा, दूब घास और केला रखें। क्योंकि इन चीजों के बिना भाई दूज का पर्व अधूरा माना जाता है।
भाई दूज पर बहनें भाई को टीका लगाते समय यह मंत्र बोलें - गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को। सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें, फूले-फलें।।
हिंदू पंचांग के अनुसार, सुबह 11 बजकर 45 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 30 मिनट तक का समय पूजा के लिए सबसे उत्तम है। इस समय आप अपने भाईयों का तिलक कर सकती हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, शुभ मुहूर्त में तिलक करने से भाइयों की उम्र लंबी होती है साथ ही उनके जीवन में खुशहाली आती है।
भाई दूज को भाऊ बीज, भाई दूज, भात्र द्वितीया और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन बहनें यमराज की पूजा-अर्चना करती हैं और भाई के लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करती हैं।
पंचांग के अनुसार, इस साल भाई दूज का त्योहार 03 नवंबर 2024, दिन रविवार को मनाया जाएगा। यह पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन बहनें भाई का तिलक करती हैं और उनके खुशहाल जीवन के लिए कामना करती हैं। इसके साथ ही यमराज की भी पूजा करती हैं।
