Bhai Dooj 2018 Date in India: भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के बीच प्यार का प्रतीक है। यह त्योहार, दिवाली से दूसरे दिन मनाया जाता है। इस साल पूरे भारत में 9 नवंबर को भाई दूज का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। भाई दूज का त्योहार कार्तिक माह में मनाया जाता है। भारत में इस पर्व को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। कई लोग इसे भाऊ दूज, भाई टीका, टीका और भाई फोटा के नाम से मनाते हैं। भाई-बहन के इस पर्व जैसा ही पर्व रक्षा बंधन भी मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं।

हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार सूर्य की संज्ञा से दो संतानें थी एक पुत्र यमराज और दूसरी पुत्री यमुना। संज्ञा सूर्य का तेज सहन न कर सकी और छायामूर्ति का निर्माण करके अपने पुत्र और पुत्री को सौंपकर वहां से चली गईं। छाया को यम और यमुना से किसी प्रकार का लगाव न था, लेकिन यमराज और यमुना में बहुत प्रेम था। यमराज अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे, लेकिन ज्यादा काम होने के कारण अपनी बहन से मिलने नहीं जा पाते। एक दिन यम अपनी बहन की नाराजगी को दूर करने के लिए उनसे मिलने पहुंचे। भाई को आया देख यमुना बहुत खुश हुईं। भाई के लिए खाना बनाया और आदर सत्कार किया। बहन का प्यार देखकर यम इतने खुश हुए कि उन्होंने यमुना को खूब सारे भेंट दिए।माना जाता है कि इसके बाद से ही भाई दूज के इस त्योहार की शुरुआत हुई।

इसके अलावा भगवान श्रीकृष्ण और उनकी बहन सुभद्रा को लेकर भी भाई दूज की एक कथा प्रचलित है। कहा जाता है कि नराकासुर को मारने के बाद जब भगवान श्रीकृष्ण अपनी बहन सुभद्रा से मिलने पहुंचे थे। उनकी बहन ने उनका फूलों और आरती से स्वागत किया था और उनके माथे पर टीका किया था। जिसके बाद से इस त्योहार को मनाया जाने लगा और इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं।

भाई दूज को यम द्वितीय भी कहते हैं। भाई दूज के दिन बहनें रोली और अक्षत से अपने भाई के माथे पर तिलक करती हैं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करती है। वहीं भाई, बहनों को उपहार देकर उनकी खुशियों को दोगुना कर देता है। इस दिन बहने भाई को तिलक लगाकर उन्हें लंबी उम्र का आशीर्वाद देती हैं। हिंदू धर्म ग्रन्थों के अनुसार भैया दूज को मृत्यु के देवता यमराज का पूजन किया जाता है। इस दिन ब्रज मंडल में बहनें अपने भाई के साथ यमुना स्नान करती है। जिसका विशेष महत्व बताया गया है। बहनों को इस दिन अपने भाई के दीर्घ जीवन, कल्याण एवं उत्कर्ष हेतु तथा स्वंय के सौभाग्य के लिए अक्षत कुमकुम आदि से अष्टदल कमल बानकर इस व्रत का संकल्प कर मृत्यु के देवता की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। रक्षा बंधन की तरह ही भाई दूज का भी अपना ही महत्व है। साथ ही दीपोत्सव का समापन दिवस भी है।

भाई दूज 2018 शुभ मुहूर्त

शुभ मुहूर्त शुरू- दोपहर 1:10 मिनट
शुभ मुहूर्त समाप्त- दोपहर 3:27 मिनट
शुभ मुहूर्त की अवधि- 2 घंटे 17 मिनट