Lakshmi Ji Gareeb Kaise Hui Thi Jaane Puri Kahani: हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं में कई कहानियां प्रचलित हैं, जो जीवन की सच्चाई और हर चीज का महत्व समझाती हैं। ऐसी ही एक कहानी विष्णु पुराण में मिलती है। विष्णु पुराण के अनुसार, देवी लक्ष्मी को एक छोटी-सी गलती के कारण धरती पर जन्म लेना पड़ा था। दरअसल, मां लक्ष्मी को भगवान विष्णु से मिले शाप के बाद देवी को एक माली के घर में उसकी बेटी बनकर रहना पड़ा था। आइए जानते हैं आखिर भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी को ऐसा शाप क्यों दिया था। जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कहानी।
विष्णु जी के साथ धरती पर भ्रमण पर निकली देवी लक्ष्मी
विष्णु पुराण में वर्णित कथा के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु को धरती लोक पर जाने की इच्छा हुई, ताकि वह अपने भक्तों का जनजीवन सामने से देख सकें। जब विष्णु जी ने यह बात देवी लक्ष्मी को बताई तो वह बेहद उत्साहित हुईं और उन्होंने भी धरती पर जाने की इच्छा जताई। भगवान विष्णु ने धरती पर जाने से पहले देवी के सामने एक शर्त रखी कि वह धरती की किसी भी चीज को छुएंगी नहीं। लक्ष्मी जी ने उनकी बात मान ली और दोनों धरतीलोक पर आ गए।
धरती की हरियाली देख मंत्रमुग्ध हो गई मां लक्ष्मी
जब धरती पर भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी पहुंचीं तो वर्षा ऋतु का आगमन हो चुका था और चारों तरफ हरियाली था। यहां की हरियाली और सुंदरता देखकर लक्ष्मी जी बहुत खुश हुईं। चलते-चलते वे एक बगीचे में पहुंचीं, जहां उन्हें गुलाब के फूल खिले थे। देवी लक्ष्मी उन फूलों की खूबसूरती में खो गईं और खुद को रोक नहीं पाईं, उन्होंने एक गुलाब तोड़ लिया। गुलाब तोड़कर वह उसकी सुंगध का आनंद लेने लगीं।
इस वजह से विष्णु जी ने देवी लक्ष्मी को दिया शाप
विष्णु जी ने जब यह देखा तो उन्हें याद दिलाया कि उन्होंने किसी भी चीज को न छूने का वादा किया था। भगवान ने उन्हें यह भी बताया कि यह बगीचा उनके एक भक्त का है, जो अपनी आजीविका इसी पर निर्भर करता है। लेकिन देवी लक्ष्मी ने इसे मामूली बात मानकर कहा कि उनके लिए ये बगीचा और फूल की कोई कीमत नहीं है, क्योंकि वे खुद धन और वैभव की देवी हैं। लक्ष्मी जी का यह अहंकार देखकर विष्णु जी नाराज हो गए। उन्होंने लक्ष्मी जी को एक सिख देने के लिए शाप दिया कि उन्हें एक गरीब माली के घर उसकी बेटी बनकर रहना होगा और धन का अभाव देखना होगा। शाप के कारण लक्ष्मी जी एक छोटी बच्ची में बदल गईं और रोने लगीं। माली ने जब उस बच्ची को देखा तो उसे दया आ गई और उसने उसे अपनी बेटी बना लिया।
माली के घर में रहकर लक्ष्मी जी ने धीरे-धीरे मेहनत और धन का असली मतलब समझा। माली की मेहनत और लक्ष्मी जी के भाग्य से उसके हालात सुधरने लगे और उसका जीवन खुशहाल हो गया। जब शाप की अवधि पूरी हुई तो भगवान विष्णु आए और माली को सच बताया। इसके बाद देवी लक्ष्मी अपने असली रूप में वापस लौट आईं और विष्णु जी के साथ वैकुंठ चली गईं।
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