Bhadrapada Purnima September 2024 Date, Timing, Mantra, And Puja Vidhi: हिंदू धर्म में भाद्रपद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन लोग गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। साथ ही भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि पर स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान-पुण्य करने से आय, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं इसी दिन से पितृ पक्ष की शुरुआत भी होती है। आपको बता दें कि इस साल भाद्रपद पूर्णिमा 18 सितंबर को है। साथ ही इस दिन शिव वास का योग भी बन रहा है। इसलिए इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं तिथि और शुभ मुहूर्त…
भाद्रपद पूर्णिमा तिथि 2024 (Bhadrapada Purnima Tithi 2024)
वैदिक पंचांग के मुताबिक भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि 17 सितंबर को सुबह 11 बजकर 43 मिनट से आरंभ होगी और अगले दिन यानी 18 सितंबर को सुबह 08 बजकर 03 मिनट पर तिथि का अंत होग। वहीं उदयातिथि को आधार मानते हुए 18 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा मनाई जाएगी।
भाद्रपद पूर्णिमा शुभ योग और मुहूर्त (Bhadrapada Purnima Shubh Yog And Muhurt)
पंचांग के मुताबिक भाद्रपद पूर्णिमा पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 08 बजकर 05 मिनट पर होगा। ज्योतिष में इस योग को बेहद शुभ माना जाता है। इस योग में पूजा का दोगुना फल प्राप्त होता है।
ब्रह्म मुहूर्त : सुबह 04 बजकर 34 मिनट से 05 बजकर 21 मिनट तक
विजय मुहूर्त : दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से 03 बजकर 06 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 46 मिनट तक
निशिता मुहूर्त : रात्रि 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक
इन मंत्रो का करें जप
विष्णु गायत्री मंत्र
ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
लक्ष्मी विनायक मंत्र
दन्ता भये चक्र दरो दधानं,
कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृता ब्जया लिंगितमब्धि पुत्रया,
लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
भाद्रपद पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
भाद्रपद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की आराधना करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही सत्यनारायण की कथा का पाठ करने से संपन्नता घर में बनी रहती है। साथ ही इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से और सामर्थ्य अनुसार दान देने से पितृ प्रसन्न होते हैं। साथ ही भगवान का आशीर्वाद बना रहता है।