Ratna Astrology: ज्योतिष शास्त्र में ग्रह दोष से मुक्ति पाने के लिए कई रत्नों के बारे में बताया गया है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुसार ही रत्न धारण करना चाहिए। आइए जानते हैं कि मूंगा रत्न क्यों धारण किया जाता है और ज्योतिष में इसके क्या फायदे बताए गए हैं।

क्या है मूंगा रत्न (What is Moonga Stone)

मूंगा रत्न को अंग्रेजी में कोरल कहा जाता है। यह समुद्र की गहराई में पाया जाता है। इसे समुद्र से निकालने और तराशने के बाद तैयार किया जाता है।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मूंगा रत्न मंगल ग्रह का रत्न होता है। जिस जातक की कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर स्थिति में होते हैं या कुंडली में मंगल दोष होता है। उन्हें इस रत्न को धारण करना चाहिए। इससे जातकों को मंगल ग्रह दोष के मुक्ति मिलने की मान्यता है। यह रत्न लाल रंग के अलाव अन्य कई रंगों में भी होता है।

मूंगा रत्न धारण करने के फायदे (Benefits of Moonga Stone)

ज्योतिष शास्त्र में मूंगा रत्न धारण करने के कई फायदे बताए गए हैं। इसे धारण करने पर कई स्वास्थ लाभ भी होने की मान्यता है।

-इसे धारण करने पर सिर से संबंधित बीमारियों में राहत मिलती है।
-यह शारीरिक शक्ति बढ़ाने और हड्डियों को भी मजबूत करता है।
-मूंगा रत्न धारण करने पर कुंडली में मंगल ग्रह दोष दूर होता है।
-इसे धारण करने पर सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
-यह नेतृत्व क्षमता को भी बढ़ाता है।

मूंगा रत्न धारण करने के नुकसान

किसी भी रत्न को ज्योतिषी के परामर्श के बाद ही धारण करना चाहिए। रत्न को कुंडली में ग्रहों की अनुकूल और प्रतिकूल स्थिति के अनुसार धारण करना बताया गया है।

-बिना ज्योतिषी की सलाह के इसे धारण करने पर स्वास्थ्य संबंधी परेशानिया होती हैं।
-निजी जीवन भी प्रभावित हो सकता है।
-जातक का क्रोध बढ़ सकता है।

कैसे धारण करें मूंगा रत्न

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसे सोने व तांबे की अंगूठी में धारण करना चाहिए। मूंगा को 5 से 9 रत्ती तक धारण किया जा सकता है। इसे मंगलवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है।