Moon Stone: मनुष्य को रत्नों का चुनाव बहुत ही सावधानी से करना चाहिए। रत्न केवल शोभा बढ़ाने का साधन नहीं है बल्कि उनमें अलौलिक शक्ति का समावेश होता है। साथ ही रत्नों में मानव को सुखमय, उल्लासपूर्ण बनाने की अप्रतिम क्षमता है। वहीं देखा गया है कि कुछ लोग नाम राशि के अनुसार रत्न धारण कर लेते हैं जो कि गलत है। आपको बता दें कि मनुष्य को जन्मकुंडली के पूर्ण विश्लेषण के बाद ही रत्न धारण करना चाहिए। वहीं कभी भी मारक, बाधक, नीच या अशुभ ग्रह का रत्न धारण नहीं करना चाहिए। रत्न हमेशा शुभ ग्रह यदि अस्त है या निर्बल है तो उसका धारण करना चाहिए। ताकि उस ग्रह के प्रभाव को बढ़ाकर शुभ फलों में बढ़ोतरी की जा सके।

ज्योतिष शास्त्र में 84 रत्न और उपरत्नों का उल्लेख मिलता है, आज हम बात करने जा रहे हैं मोती के उपरत्न के बारे में, जिसका नाम है मून स्टोन। मून स्टोन को चन्द्रकान्तमणि, चन्द्रमणि और गोदन्ता के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं मून स्टोन धारण करने के लाभ और पहनने की सही विधि…

मून स्टोन की पहचान?

यह रंगहीन, पीला उपरत्न है। साथ ही इस पर नीली अथवा दूधिया चमक दिखाई देती है जो चांदी के समान लगती है। इस उपरत्न की सतह पर कई बार नीली झांई के समान दूधिया रंग का प्रकाश दिखाई देता है। जिस चन्द्रमणि में जितनी अधिक नीली आभा होती है वह उतना ही अधिक मूल्यवान होता है। यह बाजार में सस्ता ही मिल जाता है।

कलह-क्लेश से दिला सकता है मुक्ति:

परिवार में किसी न किसी कारण से तनाव की स्थिति बनी हुई है, इस कारण घर से दूर रहने के मौके खोजते हैं और पारिवारिक कलह पीछा नहीं छोड़ रही है तो मून स्टोन रत्न पहना बहुत फायदेमंद हो सकता है। साथ ही  यह पति-पत्नी के रिश्तों को सही करता है और जिस भी कारण से क्रोध बढ़ा हुआ है उसे भी शांत करता है। इसके कारण घर का सुख बढ़ेगा और परिवार एक फिर नजदीक आएगा।

डिसीजन मेकिंग को मजबूत करता है:

यह रत्न व्यक्ति को अपने काम और अपने फैसलों के प्रति मजबूती के साथ खड़ा रहने की योग्यता देता है। कई बार जातक में चीजों को लेकर सजगता नही रह पाती है। जातक किसी एक विचार को लेकर आगे चल नहीं पाता है, उसका मन बार-बार चंचल रहता है और इसी कारण उसे कोई फैसला लेने में परेशानी आती है और दूसरों से सलाह लेता है। इस स्थिति में जातक को मून स्टोन पहनना चाहिए इससे जातक अपने फैसलों को लेकर सस्पेंस में नहीं रहेगा। 

इस लग्न के जातक धारण करें मून स्टोन:

वृश्चिक लग्न वाले जातकों की कुंडली में चन्द्रमा भाग्य स्थान का स्वामी है, लेकिन यहां एक विडंबना है कि चन्द्रमा इसी राशि में यानी वृश्चिक राशि में नीच का हो जाता है, इसलिए वृश्चिक राशि वाले जातकों को मून स्टोन तो पहनना चाहिए परन्तु इसके साथ ही चन्द्रमा का यंत्र भी पहनना चाहिए, बिना चन्द्र यंत्र के मून स्टोन नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि चन्द्र यंत्र चन्द्रमा के नीचत्व को रोकेगा और मून स्टोन आपके भाग्य को बढ़ायेगा। (यह भी पढ़ें)- साप्ताहिक राशिफल, 21 फरवरी से 27 फरवरी 2022: कर्मफल दाता शनि देव होंगे उदय, कर्क और वृश्चिक राशि वालों को मिलेगा किस्मत का साथ, जानिए आपके लिए कैसा रहेगा ये हफ्ता

विद्यार्थी धारण कर सकते हैं मून स्टोन:

वहीं मीन लग्न वाले जातकों की कुंडली में चन्द्रमा पांचवे घर का मालिक होता है, और ये स्थान शुभ होता है, इसलिए मीन राशि के जातकों को मून स्टोन अवश्य पहनना चाहिए। यह उपरत्न गुस्से को नियंत्रित रखने में बहुत ही फायदेमंद होता है। साथ ही कई बीमारियों की रोकथाम में भी यह सहायक है। जैसे – सर्दी-जुकाम, पेट के कुछ विकार, आंखों की समस्या। इस उपरत्न को धारण करने से मानसिक शांति का अनुभव भी होता है। इस उपरत्न के धारण करने से विद्यार्थियों को शिक्षा में ध्यान केन्द्रित करने में सहायता मिलती है।

कैसे और कब धारण करें मून स्टोन:

मून स्टोन को चांदी की अंगूठी में ही पहनना चाहिए। शुक्ल पक्ष के सोमवार की रात में इसे  हाथ की सबसे छोटी उंगली में धारण करना चाहिए। कई लोग इसे पूर्णिमा के दिन भी पहनने की सलाह देते हैं। इस उपरत्न को पहनने से पहले इसे गंगाजल से धो लें फिर इसे शिवजी को अर्पित करने के बाद ही धारण करें। (यह भी पढ़ें)- 30 साल शनि देव अपनी स्वराशि में करेंगे गोचर, इन 4 राशि वालों वालों को धनलाभ के साथ राजनीति में तरक्की के भी प्रबल योग