Lehsunia Gemstone Benefits: रत्न शास्त्र में 9 प्रमुख रत्नों का वर्णन मिलता है। इन रत्नों का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है। साथ ही इन रत्नों को पहनने से संबंधित ग्रहों की शुभता को कुंडली में बढ़ाया जा सकता है। हम बात करने जा रहे हैं लहसुनिया रत्न के बारे में, जिसका संबंध छाया ग्रह केतु से है। लहसुनिया रत्न को कैट्स आई भी बोला जाता है। आइए जानते हैं लहसुनिया को धारण करने के लाभ और पहनने की सही विधि…

ये लोग कर सकते हैं धारण

वैदिक ज्योतिष मुताबिक वृषभ, मकर, तुला, कुंभ, मिथुन राशि के लोगों के लिए केतु से संबंधित रत्न धारण करना बहुत शुभ माना जाता है। वहीं जो लोग लहसुनिया पहनते हैं उन्हें कभी किसी की बुरी नजर नहीं लगती। साथ ही अगर जीवन में आर्थिक तंगी है तो लहसुनिया रत्न धारण करने से दरिद्रता से मुक्ति मिलती है। केतु ग्रह की जन्मकुंडली में अशुभ स्थिति से कार्यों में अस्थिरता, मन विचलित रहना, आर्थिक और मानसिक परेशानियां देखने को मिलती हैं। अगर ये परेशानी हो तो लहसुनिया धारण कर सकते हैं। यदि किसी बच्चे को श्वास से संबंधित कोई बीमारी हो या फिर निमोनिया जैसी कोई बीमारी हो, तो ऐसे में उसे लहसुनिया रत्न पहनाया जा सकता है।

लहसुनिया पहनने के लाभ

वैदिक ज्योतिष अनुसार लहसुनिया रत्न को पहनने से कारोबार, जॉब व आर्थिक तंगी से जूझ रहे व्यक्ति की परेशानियां दूर हो जाती है। अध्यात्म के मार्ग पर जाने वाले लोगों के लिए भी लहसुनिया रत्न बहुत लाभकारी होता है, इसको धारण करने से सांसारिक मोह छूटता है और व्यक्ति अध्यात्म व धर्म की राह पर चलने पड़ता है। साथ ही लहसुनिया मन को शांति प्रदान करता है और इसके प्रभाव से स्मरण शक्ति तेज होती है और व्यक्ति तनाव से दूर रहते हैं।  लहसुनिया रत्न धारण करने के बाद व्यापार में फंसा हुआ पैसा वापस मिल जाता है। साथ ही इस रत्न का असर से सुख-सुविधा के साधनों में वृद्धि होती है। यह रत्न आत्मविश्वास में भी वृद्धि करता है।

इस विधि से करें धारण

रत्न शास्त्र के अनुसार लहसुनिया रत्न को कम से कम 6 से सवा 7 रत्नी का धारण करना चाहिए। इसको अंगूठी या लॉकेट में धारण किया जा सकता है। साथ ही चांदी की धाथु में लहसुनिया पहनना शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विशाखा नक्षत्र में मंगलवार के दिन इसको धारण किया जा सकता है। धारण करने से पहले से इसे गाय के कच्चे दूध और गंगाजल से जरूर शुद्ध कर लें।