Gomed Stone: रत्न शास्त्रों में प्रमुख 9 रत्नों का वर्णन मिलता है। इन रत्नों का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है। रत्न केवल शोभा बढ़ाने के लिए ही नहीं बल्कि इनमें ग्रहों को मजबूत करने की अलौकिक शक्ति होती है। यहां हम बात करने जा रहे हैं गोमेद रत्न के बारे में, जिसका संबंध राहु ग्रह से माना जाता है। साथ ही  इस रत्‍न को धारण करने से कई बीमारियों में राहत मिलती है। आइए जानते हैं धारण करने की विधि और लाभ…

ऐसा होता है गोमेद

गोमेद गोमूत्र रंग का होता है। वहीं बाजार में सबसे अच्छा गोमेद सीलोनी होता है। लेकन सीलोनी गोमेद की कोस्ट थोड़ी मंहगी होती है। वहीं दूसरे नंबर पर अफ्रीका का माना जाता है। इसका रंग थोड़ा काला सा होता है।

ये लोग कर सकते हैं धारण

वैदिक ज्‍योतिष के मुताबिक, वृषभ, मिथुन, कन्‍या और तुला व कुंभ राशि के लोगों के लिए गोमेद धारण करना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही जिन लोगों की जन्मकुंडली में राहु पहले, चौथे, पांचवें, नवम और दसवें भाव में स्थित हो वो लोग भी गोमेद धारण कर सकते हैं। वहीं अगर कुंडली में राहु ग्रह नीच का स्थित है तो गोमेद धारण नहीं करें। गोमेद के साथ माणिक्य, मोती धारण नहीं करें। अन्यथा नुकसान हो सकता है।

जानिए गोमेद धारण करने के लाभ

गोमेद को धारण करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्‍त होती है और मन में सकारात्‍मक विचार पैदा होते हैं। गोमेद को धारण करने से एकाग्रता बढ़ती है और अन‍िद्रा की समस्‍या से मुक्ति मिलती है। साथ ही जो लोग राजनीति में सक्रिय हैं वो लोग भी गोमेद धारण कर सकते हैं। वहीं राहु की महादशा में भी गोमेद धारण कर सकते हैं। अगर आप स्टॉक मार्केट, सट्टा और लॉटरी मे निवेश कर करते हैं तो भी आप गोमेद धारण कर सकते हैं।

इस विधि से करें धारण

गोमेद को कम से कम 6 से सवा 7 रत्नी का धारण करना चाहिए। साथ ही अगर धातु की बात करें तो गोमेद को चांदी और अष्टधातु में पहना जा सकता है। वहीं  गोमेद को शनिवार के दिन स्वाती, आर्दा व शतभिषा नक्षत्र में धारण करना शुभ रहता है। सबसे पहले गोमेद की अंगूठी को गंगाजल, दूध, शहद के मिश्रित घोल में एक रात के लिए रख दें। इसके बाद ऊं रां रावे नम: मंत्र का एक माला जप करें और मध्यमा उंगली में धारण करें। इसके बाद राहु ग्रह से संबंधित दान निकाले और किसी मंदिर के पुजारी को चरण स्पर्श करके देकर आएं।