Chandrakanta Gemstone Benefits: ज्योतिष के अनुसार हर ग्रह का अपना एक प्रतिनिधि रत्न होता है। जिसका संबंध उस ग्रह से होता है। आपको बात दें कि  जन्मकुंडली के पूर्ण विश्लेषण के बाद ही रत्न या उपरत्न धारण करना शुभ फलदायी रहता है। यहां हम बात करने जा रहे हैं चंद्रकांता रत्न के बारे में, जिसका संबंध चंद्र ग्रह से है। इसको मून स्टोन और चंद्रकांता रत्न भी कहा जाता है। आइए जानते हैं चंद्रकांता स्टोन धारण करने के लाभ और इसको पहनने की विधि…

चंद्रकांता रत्न धारण करने के लाभ

घर-परिवार में किसी न किसी कारण से तनाव की स्थिति बनी हुई है, या बात- बात पर लड़ाई- झगड़े होते हैं तो चंद्रकांता रत्न धारण कर सकते हैं। पति- पत्नी में अगर सामंजस्य की कमी हो तो भी इस रत्न को धारण किया जा सकता है। चंद्रकांता रत्न डिसीजन मेकिंग को मजबूत करता है। डिप्रेशन अगर किसी व्यक्ति को रहता हो तो भी चंद्रकांता रत्न धारण करने से लाभ होता है। साथ ही जिन लोगों को सर्दी-जुकाम, पेट के कुछ विकार, आंखों की समस्या है तो वो लोग भी यह रत्न धारण कर सकते हैं।

ये लोग कर सकते हैं चंद्रकांता रत्न धारण

वैदिक ज्योतिष अनुसार वृश्चिक लग्न वाले जातकों की जन्मकुंडली में चंद्रमा भाग्य भाव का स्वामी है, इसलिए आप लोग कुंडली का विश्लेषण कराकर चंद्रकांता रत्न धारण कर सकते हैं। साथ ही कर्क राशि और लग्न के जातक चंद्रकांता रत्न धारण कर सकते हैं। वहीं अगर चंद्र ग्रह लग्न कुंडली में उच्च का स्थित है तो भी चंद्रकांता रत्न पहन सकते हैं। लेकिन चंद्रकांता रत्न के साथ नीलम, गोमेद और लहसुनिया धारण नहीं करें। अन्यथा नुकसान हो सकता है। वहीं मीन लग्न वाले लोगों की कुंडली में चन्द्रमा पंचम भाव के स्वामी हैं, और ये स्थान शुभ होता है, इसलिए मीन राशि के जातकों को चंद्रकांता स्टोन पहनना चाहिए।

इस विधि से करें धारण

रत्न शास्त्र अनुसार चंद्रकांता रत्न को चांदी की अंगूठी में ही धारण करना चाहिए। साथ ही शुक्ल पक्ष के सोमवार की रात में इसे  हाथ की सबसे छोटी उंगली में धारण करना शुभ माना जाता है। कई लोग इसे पूर्णिमा के दिन भी पहनने की सलाह देते हैं। क्योंकि इस दिन चंद्रमा की शक्ति पूर्ण होती है। इस उपरत्न को पहनने से पहले इसे गंगाजल से धो लें फिर इसे शिवजी को अर्पित करने के बाद ही धारण करें। क्योंकि भगवान शिव के सिर पर चंद्रमा विद्यमान है।