Gomed Stone Benefits: रत्न विज्ञान अनुसार रत्न धारण करने से ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। लेकिन रत्न जन्मपत्री के विश्लेषण के बाद ही धारण करना चाहिए। क्योंकि अगर नीच ग्रह का रत्न धारण कर लिया तो बहतु लाभ की जगह नुकसान भी दे सकता है। यहां हम बात करने जा रहे हैं गोमेद रत्न के बारे में। जिसका संबंध राहु ग्रह से माना जाता है।आइए जानते हैं गोमेद किन राशि वालों को करना चाहिए धारण और इसको पहनने के लाभ…

जानिए कैसा होता है गोमेद

सबसे अच्छा गोमेद सीलोनी माना जाता है। जो श्रीलंका में पाया जाता है। सीलोनी गोमेद बाजार में थोड़ा महंगा मिलता है। साथ ही दूसरे नंबर पर जो गोमेद आता है। वो अफ्रीका का माना जाता है। यह गोमूत्र रंग का होता है।

गोमेद धारण करने के लाभ

ज्योतिष शास्त्र मुताबिक जो लोग वकालत या न्यायालय से जुड़े हुए हैं। वो लोग गोमेद धारण कर सकते हैं। साथ ही जो लोग राजनीति में सक्रिय हैं वो लोग भी गोमेद धारण कर सकते हैं। वहीं राहु की महादशा में भी गोमेद धारण कर सकते हैं। गोमेद पहनने से डिप्रेशन में भी फायदा मिलता है। वहीं जो लोग शेयर बाजार से जुड़े हुए हैं वो लोग भी गोमेद धारण कर सकते हैं।

ये लोग कर सकते हैं गोमेद धारण

ज्योतिष अनुसार जिन लोगों की राशि एवं लग्न वृष, मिथुन, कन्या, तुला या कुम्भ हो वो लोग गोमेद धारण कर सकते हैं। वहीं राहु अगर जन्मपत्री के केंद्र भाव में विराजमान हो तो गोमेद धारण करने से लाभ होता है। यदि राहु ग्रह कुंडली में उच्च के विराजमान हैं, तो भी आप गोमेद रत्न को धारण कर सकते हैं। लेकिन नीच के राहु होने पर गोमेद धारण नहीं करें। गोमेद के साथ माणिक्य, मोती धारण नहीं करें। अन्यथा नुकसान हो सकता है। क्योंकि राहु ग्रह की सूर्य और चंद्रमा के साथ शत्रुता का भाव विद्यमान है।

इस विधि से करें धारण

गोमेद रत्न को कम से कम 6 से सवा 7 रत्ती का धारण करना चाहिए। साथ ही गोमेद को अष्टधातु में पहनना चाहिए। गोमेद को शनि की होरा या शनिवार के दिन धारण कर सकते हैं। धारण करने से पहले अंगूठी को दूध और गंगाजल से शुद्ध कर लें। इसके बाद  ऊं रां राहवे नमः’ मन्त्र से 108 बार अभिमंत्रित करके अंगूठी को मध्यमा उंगली में धारण करें।