April 2022: अप्रैल का महीना बेहद खास है, इस महीने में कई ग्रहों के गोचर के साथ ही साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। वैदिक ज्योतिष के हिसाब से इस साल देश दुनिया में काफी बदलाव होने के संकेत मिल रहे हैं। इसके साथ ही खास बात यह है कि इसका पर प्रभाव सभी 12 राशियों पर देखने को मिलेगा।

ढाई साल बाद शनि का गोचर

गोचर का अर्थ है कि किसी ग्रह का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना, हिन्दू पंचांग के मुताबिक कर्मफल दाता शनि देव 29 अप्रैल को मकर राशि से निकलकर अपनी प्रिय राशि कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। बता दें कि शनि की चल सभी नौ ग्रहों में सबसे धीमी चाल मानी गई है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि का यह राशि परिवर्तन बहुत ही महत्वपूर्ण है। शनि के गोचर करते ही मीन राशि पर साढ़े साती शुरू तो कर्क, वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या आरंभ हो जाएगी।

साल 2022 का पहला सूर्यग्रहण

पौराणिक कथाओं के अनुसार विष्णु भगवान के चक्र से असुर स्वर भानु के दो हिस्से होने के चलते इन्हीं दोनों हिस्सों को राहु और केतु के रूप में जाना जाने लगा और तभी से राहु और केतु की चंद्रमा और सूर्य से दुश्मनी हो गई और समय-समय पर यह दोनों सूर्य और चंद्रमा से बदला लेने के लिए सूर्य और चंद्र ग्रहण की घटना घटित करते हैं।

बता दें कि साल का पहला सूर्य 30 अप्रैल को लग रहा है और इसका प्रभाव मनुष्य के साथ देश दुनिया पर भी पड़ता है। साल का पहला सूर्य ग्रहण आंशिक है और यह मेष राशि में लग रहा है।

सूर्य ग्रहण की तिथि और समय

30 अप्रैल 2022 रात (1 मई 2022, सुबह)
सूर्य ग्रहण का दिन: शनिवार/रविवार
सूर्य ग्रहण का समय: 00:15:19 से 04:07:56 भारतीय समय अनुसार
सूर्य ग्रहण की समय अवधि: 3 घंटे 52 मिनट

शनैश्चरी अमावस्या 2022

हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख मास की अमावस्या की तिथि 30 अप्रैल है। इस दिन शनिवार भी है इसलिए इसे शनि अमावस्या या शनैश्चरी अमावस्या भी कह सकते हैं। हिन्दू शास्त्रों में वैशाख मास की विशेष महत्वता है, कहा जाता है कि इस दिन कालसर्प दोष की पूजा और उपाय करना उत्तम माना गया है। हिन्दू धर्म के जानकारों के मुताबिक इस दिन पितृ की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और व्रत रखा जा सकता है।