हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, माना जाता है कि इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती प्रकट हुई थी। इसलिए इस दिन उनकी पूजा विधिवत तरीके से की जाती है। शास्त्रों के मुताबिक मां सरस्वती ने हाथों में पुस्तक, वीणा,माला लिया हुआ है। इसके साथ ही वह श्वेत कमल में विराजित होकर प्रकट हुई थी। माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही एकाग्रता बढ़ने के साथ ज्ञान की प्राप्ति होती है। इस बार बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधिवत पूजा करने के साथ मां शारदा का पूजा मंत्र, वंदना के साथ आरती पढ़कर आराधना करें। आइए जानते हैं सरस्वती पूजा मंत्र, सरस्वती वंदना और आरती…

Maa Saraswati Ji Ki Aarti: यहां पढ़े सरस्वती जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी

बसंत पंचमी 2024 तिथि (Basant Panchami 2024 Date and Time)

हिंदू पंचांग के अनुसार, पंचमी तिथि 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट पर प्रारंभ हो रही है, जो 14 फरवरी 2024 को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में बसंत पंचमी का पर्व 14 फरवरी 2024 को मनाया जाएगा।

बसंत पंचमी 2024 पर सरस्वती पूजन मुहूर्त (Basant Panchami 2024 Puja Muhurat)

बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजे से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।

सरस्वती पूजा मंत्र (Maa Saraswati Mantra)

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

सरस्वती वंदना (Maa Saraswati Vandana)

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्,
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥

मां सरस्वती की आरती (Maa Saraswati Aarti)

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सद्गुण, वैभवशालिनि, त्रिभुवन विख्याता।।
जय सरस्वती माता…

चन्द्रवदनि, पद्मासिनि द्युति मंगलकारी।
सोहे हंस-सवारी, अतुल तेजधारी।।
जय सरस्वती माता…

बायें कर में वीणा, दूजे कर माला।
शीश मुकुट-मणि सोहे, गले मोतियन माला।।
जय सरस्वती माता…

देव शरण में आये, उनका उद्धार किया।
पैठि मंथरा दासी, असुर-संहार किया।।
जय सरस्वती माता…

वेद-ज्ञान-प्रदायिनी, बुद्धि-प्रकाश करो।।
मोहज्ञान तिमिर का सत्वर नाश करो।।
जय सरस्वती माता…

धूप-दीप-फल-मेवा-पूजा स्वीकार करो।
ज्ञान-चक्षु दे माता, सब गुण-ज्ञान भरो।।
जय सरस्वती माता…

माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे।
हितकारी, सुखकारी ज्ञान-भक्ति पावे।।
जय सरस्वती माता…

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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