Balram Jayanti 2025 Date, Shubh Muhurat and Puja Vidhi: हिदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को बलराम जयंती का पर्व मनाया जाता है। इसे हलषष्ठी, हरछठ नाम से भी जाना जाता है। बलराम जयंती जन्माष्टमी से दो दिन पहले मनाई जाती है। बलराम जी भगवान कृष्ण के बड़े भाई है, जो शेषनाग के अवतार माने जाते हैं। इस दिन बलराम जी की पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने का विधान है। इस दिन मथुरा, वृंदावन सहित कई मंदिरों में बलराम जी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन बलराम जी की पूजा करने से संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी हो सकती है। इसके साथ ही बल और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है। आइए जानते हैं बलराम जयंती का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और बलराम जी की आरती…

बलराम जयंती 2025 तिथि (Balram Jayanti 2025 Date)

भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि आरंभ- 14 अगस्त को सुबह 4 बजकर 23 मिनट से
भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि समाप्त- 15 अगस्त को सुबह 2 बजकर 7 मिनट पर
बलराम जयंती 2025 तिथि- 14 अगस्त 2025

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बलराम जयंती 2025 शुभ मुहूर्त (Balram Jayanti 2025 Shubh Muhurat)

ब्रह्म मुहूर्त-  सुबह 4.23 बजे से सुबह 5.07 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 11.59 बजे से दोपहर 12:52 बजे तक  
विजय मुहूर्त- दोपहर दोपहर 2.37 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 7.01 बजे से शाम 7.23 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग – 14 अगस्त को सुबह 9 बजकर 6 मिनट से लेकर 15 अगस्त को सुबह 7 बजकर 36 मिनट तक

बलराम जयंती 2025 पूजा विधि (Balram Jayanti 2025 Puja Vidhi)

इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों को करने के बाद स्नान कर लें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें। इसके  बाद पूजा आरंभ करें। सबसे पहले एक लड़की की चौकी में पीला या लाल रंग का कपड़ा बिछाकर बलराम जी का मूर्ति या फिर तस्वीर रखें। इसके बाद जल का आचमन दें और फिर चंदन, रोली, अक्षत, फूल आदि लगाएं। इसके बाद वस्त्र के साथ एक छोटा सा हल रखें इसके साथ ही फल और मिठाई चढ़ाएं। फिर घी का दीपक जलाने के साथ बलराम जी के मंत्र, व्रत कथा करने के बाद आरती कर लें और फिर भूल चूक के लिए माफी मांग लें। बलराम जी की पूजा के बाद श्री कृष्ण की पूजा अवश्य कर लें।

बलराम जयंती का महत्व (Balram Jayanti 2025 Significance)

हिंदू धर्म में बलराम जी को बल और मानसिक दृढ़ता का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान कृष्ण के बड़े भाई होने के साथ-साथ उनके सबसे अच्छे मित्र थे। शास्त्रों  के अनुसार, बलराम जी भगवान विष्णु के शेषनाग के अवतार माना जाता है। इन्हें कृषि का देवता माना जाता है। इसकी पूजा करने बल, आत्मविश्वास में वृद्धि के साथ किसानों को अच्छी फसल और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इनकी पूजा करने से संतान सुख के साथ सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। 

बलराम जयंती पर करें इन मंत्रों का जाप (Balram Jayanti 2025 Mantra)

ऊं बलरामाय नमः।
ऊं श्री बलरामाय नमः।
ऊं राधे कृष्ण बलरामे नमः।
ऊं बलराम देवाय नमः।
ऊं राधे कृष्ण बलरामे हरिम्।
ऊं श्री बलरामे नमः स्वाहा।

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आरती बलराम जी की (Balram Ji Ki Aarti Lyrics)

आरती श्री बलभद्र की कीजे,
सुमिरन कर मन हरषाइ ।
मूसल कर में लिए विराजे,
कृष्ण सँग रथ चढ़ि आइ ॥

गौ-वंश सदा करें सुखकारी,
दैत्यों का करते संहार ।
कृष्ण-बलराम रूप निराले,
संतन के रखवारे अपार ॥

भक्तन के दुख हरनें वाले,
असुर दलन में निपुण महान ।
बलभद्र प्रभु कृपा करि देना,
अपने जन को देना स्थान ॥
आरती श्री बलभद्र की कीजे