ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह का विशेष महत्व बताया गया है। शनि देव व्यक्ति को कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। साथ ही उनको न्याय प्रिय देवता कहा जाता है। वहीं शनि ग्रह को आयु, दुख, रोग, पीड़ा, विज्ञान, तकनीकी, लोहा, खनिज तेल, कर्मचारी, सेवक, जेल आदि का कारक माना गया है। यह मकर और कुंभ राशि के स्वामी  हैं। साथ ही तुला राशि शनि की उच्च राशि है जबकि मेष इसकी नीच राशि मानी जाती है। शनि का गोचर एक राशि में ढ़ाई वर्ष तक रहता है। वहीं शनि की महादशा 19 साल की होती है।

जन्मकुंडली में शनि ग्रह पीड़ित होने से कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही यदि शनि मंगल ग्रह से पीड़ित हो तो यह जातकों के लिए दुर्घटना और कारावास जैसी परिस्थितियों का योग बनता है। वहीं शनि ग्रह जन्मकुंडली में अशुभ होने से कैंसर, पैरालाइसिस, जुक़ाम, अस्थमा, चर्म रोग, फ्रैक्चर आदि रोग हो सकते हैं। 

21 सितंबर को करें ये उपाय

आपको बता दें कि 21 सितंबर को शनि ग्रह की पूजा- उपाय के लिए विशेष दिन बन रहा है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस दिन पुष्य नक्षत्र पड़ रहा है। ये नक्षत्र शनि देव की पूजा के लिए खास माना गया है। ये दिन उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है जिसको शनि की वजह से करियर में परेशानी, किसी भी काम में सफलता नहीं मिल पाना, घर नहीं बन पाना तो इस दिन आप ये उपाय कर सकते हैं। जिसमें आपको इस दिन बाजार से चांदी या सोना खरीदकर लाना है, वो किसी भी शेप में आप ला सकते हैं। इसके बाद आपको सोने या चांदी की वस्तु को अपने धन स्थान पर रख देना है।

आप उस वस्तु को पीले कपड़ें में बांधकर रख सकते हैं। ऐसा करने से आपको शनि देव की पीड़ा से मुक्ति मिल सकती है। साथ ही आपके काम बनना शुरू हो जाएंगे। व्यापार और करियर में तरक्की के योग बनेंगे। आय में बढ़ोतरी होगी। ये उपाय आप शाम को भी कर सकते हैं। मतलब सूर्यास्त के बाद। पुष्य को नक्षत्रों का राजा भी कहते हैं। माना जाता है कि पुष्य नक्षत्र की साक्षी से किए गए कार्य हमेशा सफल होते हैं। साथ ही पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि ग्रह हैं।