हिंदू धर्म में 33 कोटी के देवी देवता हैं। भारत में हिंदू धर्म के लोग अनेक देवी देवताओं को पूजते हैं, क्योंकि हर कोई चाहता है कि उसके सारे बिगड़े काम बन जाएं। अपने बिगड़े कामों को बनाने के लिए लोग कई तरह की पूजा करते हैं, मंदिरों में जाते, व्रत रखते हैं और कई बार पंडितों से सलाह भी लेते हैं।
शास्त्रों में और जानकारों के मुताबिक हनुमान जी कलयुग के देवता माने गए हैं। यदि कलयुग में कोई जागृत भगवान हैं तो वह हैं बजरंगबली, ऐसे में उन्हें खुश करने से आपके सारे कष्ट दूर हो सकते हैं। वहीं आनंदरामायण में बताई गई स्तुति में बजरंग बली के 12 नामों बताए गए हैं। धर्म ग्रंथों की मानें तो सोने से पहले और उठने के बाद इन नामों का जाप करने से आपकी किस्मत चमक जाती है।
हनुमान जी की स्तुति इस मंत्र से करें-
हनुमानअंजनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल:।
रामेष्ट- फाल्गुन: पिंगाक्षोअमितविक्रम:।।
उदधिक्रमणश्चैव सीताशोक विनाशन:।
लक्ष्मण प्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।।
एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:।
स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत्।।
तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत्।
राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन।।
जहां एक ओर रावण ने अपने भाई विभीषण को लंका से बाहर कर दिया वहीं युद्ध में मेघनाद ने शक्ति बाण मारकर लक्ष्मण को मूर्छित कर दिया। इसके बाद राम जी कजफई विचलित हो गए थे, जिसके बाद हनुमान जी श्री राम के भाई लक्ष्मण के लिए हिमालय से संजीवनी बूटी लेकर आए। इसी वजह से हनुमान जी को लक्ष्मण प्राणदाता भी कहा जाता है। वहीं भगवान राम के सबसे प्रिय भक्त हनुमान जी थे, इसलिए उन्हें भगवान राम के नाम के साथ जोड़कर रामेष्ट के नाम से भी जाना जाता है। रामचरित मानस के अनुसार श्रीराम ने हनुमान को अपना प्रिय माना है।
- हनुमान, ॐ श्री हनुमते नमः।
अर्थात- भक्त हनुमान, जिनकी ठोड़ी में दरार हो। - अञ्जनी सुत, ॐ अञ्जनी सुताय नमः।
अर्थात- देवी अंजनी के पुत्र - वायु पुत्र, ॐ वायुपुत्राय नमः।
अर्थात- पवनदेव के पुत्र - महाबल, ॐ महाबलाय नमः।
अर्थात- जो बहुत बलवान हो - रामेष्ट, ॐ रामेष्ठाय नमः।
अर्थात- भगवान श्रीराम के प्रिय - फाल्गुण सखा, ॐ फाल्गुण सखाय नमः।
अर्थात- अर्जुन के मित्र
हिंदू शास्त्र के मुताबिक हनुमान जी के काम की वजह से उनका यह नाम पड़ा। चूंकि हनुमान जी ने कई ऐसे काम किए जिन्हें करना देवताओं के लिए भी आसान नहीं था। इसलिए उन्हें अमितविक्रम भी कहा जाता है। इसके अलावा धर्म ग्रंथों के अनुसार हनुमान जी बहुत ताकतवर रहे हैं जिस कारण से उनमें बल की कोई सीमा नहीं है। इसीलिए उन्हें महाबल भी कहा जाता है।
- पिङ्गाक्ष, ॐ पिंगाक्षाय नमः।
अर्थात- लाल या सुनहरी आंखों वाले - अमित विक्रम, ॐ अमितविक्रमाय नमः।
अर्थात- जो अथाह या असीम वीरता का मालिक हो - उदधिक्रमण, ॐ उदधिक्रमणाय नमः।
अर्थात- एक छलांग में समुद्र पार करने वाले - सीता शोक विनाशन, ॐ सीताशोकविनाशनाय नमः।
अर्थात- माता सीता का दुख दूर करने वाले - लक्ष्मण प्राण दाता, ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः।
अर्थात- लक्ष्मण के प्राण वापस लाने वाले - दशग्रीव दर्पहा, ॐ दशग्रीवस्य दर्पाय नमः।
अर्थात- दस सिर वाले रावण के घमंड का नाश करने वाला
शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी ही एकमात्र ऐसे देवता हैं जो आज भी पृथ्वी पर मौजूद है। इसलिए कलयुग में हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है क्योंकि वे हर संकट को दूर कर देते हैं। इसलिए जब भी कोई व्यक्ति किसी कष्ट में होता है, तो वह सबसे पहले बजरंगबली को ही याद किया जाता है।
