वैदिक ज्योतिष अनुसार जब भी किसी व्यक्ति का जन्म होता है, तो उसकी जन्मकुंडली में कुछ ऐसे योग होते हैं, जिससे व्यक्ति का वैवाहिक जीनव, करियर और भूत काल के बारे में जाना जा सकता है। यहां पर ऐसे योगों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में हो तो व्यक्ति को प्रशासनिक पद और राजनीति में जबरदस्त सफलता मिलती है। आइए जानते हैं कुंडली में ये योग कौन से हैं…
कुंडली में राजनेता बनने वाले योग
1- वैदिक ज्योतिष अनुसार जब कुंडली में ग्रह अपनी राशि में उच्च होकर जन्मपत्री के पहले स्थान में या चौथे, सातवें या दशवें भाव में बैठ जाए तो उस कुंडली में राजयोग निर्माण होता है। ऐसी स्थिति वाले को राजनीति में लाभ मिलता है। सबसे प्रबल राजयोग शनि के द्वारा बना शश योग है जो व्यक्ति को रंक से राजा बना देता है और व्यक्ति राजनीति में अपार सफलता पाता है। साथ ही समाज में उसको खूब मान- सम्मान की प्राप्ति होती है।
2- वैदिक ज्योतिष में राहु को राजनीति का कारक, शनि को सेवा और जनता का कारक माना गया है। साथ ही बुध ग्रह व्यक्ति को अच्छा वक्ता बनाता है। इसलिए कुंडली में इन ग्रहों का सम्बन्ध लग्नेश चतुर्थेश दशमेश से होगा, सफलता उतनी ही बढ़ जाती हैं। साथ ही ऐसे लोग मेहनती होते हैं और लोकप्रिय होते हैं।
3- ज्योतिष मुताबिक मजबूत लग्न भाव भी राजनीति के क्षेत्र में सफलता दिला देता है। वहीं मेष और कर्क लग्न में सूर्य शनि, राहु, मंगल की स्थिति अच्छी हो तो सफलता मिलती है। साथ ही ऐसा व्यक्ति राजनीति में खूब तरक्की करता है। साथ ही उसको बड़े पद की प्राप्ति होती है।
4- राजनीति में सफलता के लिए जन्मकुंडली कुछ विशेष योग जरूर होते हैं। जैसे लग्नेश, चतुर्थेश, दशमेश का केंद्र या त्रिकोण में होना। क्योंकि छठे स्थान को सेवा का भाव माना जाता है। वहीं राहू का संबंध छठे, सातवें, दसवें या ग्यारहवें भाव से हो तो व्यक्ति राजनीति में होता है और ऐसा व्यक्ति राजनीति में खूब नाम कमाता है। साथ ही वह लोकप्रिय राजनेता होता है।
कुंडली में प्रशासनिक अधिकारी बनने के योग
1-कारकांश कुण्डली में यदि सूर्य लग्न में मेष राशि में हो और तीन-चार ग्रह शुभ स्थिति में होने पर व्यक्ति को प्रशासनिक अधिकारी बनाते हैं। साथ ही ये लोग समाज में खूब मान- सम्मान पाते हैं।
2- वैदिक ज्योतिष अनुसार यदि दशम स्थान पर दशमेश की दृष्टि हो और जन्मांग चक्र में शुभ ग्रह परस्पर द्विद्र्वादश योग बनाएं। इसके साथ ही लग्नेश बलवान हो तो प्रशासनिक सेवा में जाने के अवसर मिलते हैं। साथ ही ऐसे लोग कम उम्र में हो सरकारी नौकरी पा लेत हैं।
3- यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में शनि देव नवम भाव में हो और दशम में मकर राशि या नवांश में दशम स्तान में मंगल स्थित हो। साथ ही बुध-गुरु और शुक्र पंचम स्थान में हो और कोई एक ग्रह उच्च राशि या नवांश में हो तो व्यक्ति पुलिस या खुफिया ऐजेंसी में बड़ा अधिकारी बनता है।
4- ज्योतिष शास्त्र अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य, केद्र, भाव में उच्च राशि और उच्च नवांश में, दशमेश लाभ में, लग्नेश और भाग्येश अपने घर में या परस्पर द्विद्र्वादश में स्थित हों तो जातक प्रशासनिक सेवा में जा सकता है। साथ ही ऐसे लोग स्वाभिमानी और थोडे़ जिद्दी होते हैं।
