स्त्री हो या पुरुष, दोनों के लिए सुबह की शुरुआत अच्छी हो जाए तो पूरा दिन सुखद और शांत रहता है। इसी वजह सुबह-सुबह कोई ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे दिन की शुरुआत ही बिगड़ जाए। यदि ऐसा होता है तो पूरे दिन ही हमारे स्वभाव पर और सभी कामों पर इसका गलत असर होता रहेगा। यहां जानिए शास्त्रानुसार सुबह कौन से 5 काम नहीं करने चाहिए।
– वाद-विवाद न करें: सुबह उठते ही जीवन साथी से या परिवार के किसी और सदस्य से वाद-विवाद नहीं करना चाहिए। परिवार से प्रसन्न होकर मिलें। यदि सुबह से वाद-विवाद हो जाएगा तो दिनभर इसका तनाव बना रहेगा। हम स्वयं भी दुखी रहेंगे और परिवार के सदस्य भी।
– क्रोध न करें: क्रोध को इंसान का सबसे बड़ा शत्रु बताया गया है। इस भाव में किए गए कार्य परेशानियों का ही कारण बनते हैं। यदि दिन की शुरुआत में ही हमें गुस्सा आ जाएगा तो पूरे दिन स्वभाव में ये भाव बना रहेगा। क्रोध में व्यक्ति को सही-गलत का ध्यान नहीं रह पाता है, वाणी पर नियंत्रण नहीं रह पाता है। कभी-कभी ऐसे शब्द बोल दिए जाते हैं, जो रिश्तों को बर्बाद भी कर सकते हैं। इसलिए इस बुराई से दूर ही रहना चाहिए। क्रोध को काबू करने के लिए सुबह-सुबह कुछ देर योग-ध्यान करना चाहिए।
– किसी का अपमान न करें: सुबह के समय परिवार के सभी सदस्यों से सम्मान पूर्वक व्यवहार करना चाहिए। विशेष रूप से माता-पिता के संबंध में ये बात हमेशा ध्यान रखना चाहिए। परिवार में कभी-कभी कुछ ऐसी बातें हो जाती हैं, जब रिश्तों में तनाव उत्पन्न हो जाता है। ऐसी स्थितियों में किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। परिवार में कही गई अपमानजनक बातें, दोनों पक्षों को बहुत पीड़ा (दर्द) देती हैं। यदि सुबह ऐसा हो जाए तो दिनभर मन उदास रहता है।
– झूठ नहीं बोलना चाहिए: ये बात सभी जानते हैं कि झूठ नहीं बोलना चाहिए, लेकिन फिर भी अधिकांश लोग झूठ बोलते हैं। कम से कम सुबह-सुबह तो झूठ नहीं बोलना चाहिए। यदि दिन की शुरुआत ही झूठ के साथ होगी तो पता नहीं दिन में कितने झूठ बोलना पड़ सकते हैं। झूठ बोलना भी पाप ही माना गया है। इससे बचना चाहिए। विशेष रूप से माता-पिता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों के सामने झूठ न बोलें, क्योंकि बच्चे जैसा देखेंगे, वैसा ही करेंगे। दिन की शुरुआत सत्य का आचरण करते हुए ही करना चाहिए। सत्य का आचरण करना यानी सच बोलना।
– संभोग ना करें: सुबह का समय ब्रह्म समय माना जाता है। इस समय प्रभु जागते हैं और हर जगह पूजा अर्चना की जाती है। इस समय अगर संभोग किया जाए तो वो धर्म के अनुसार शुभ नहीं माना जाता है। इसका प्रभाव वास्तु पर भी पड़ता है जिसके कारण ग्रह आपके शत्रु बन जाते हैं और ग्रहों की क्रूर दृष्टि आपके सुख को नष्ट कर सकती है।