Ashwin Month 2024, Vrat, Tyohar List: हिंदू कैलैंडर के अनुसार,आश्विन माह सातवां महीना होता है। आश्विन माह का विशेष महक्व है। पितृपक्ष के साथ इस मास का आरंभ हो रहा है। इसके साथ-साथ इस महीने शारदीय नवरात्रि, कोजागर पूजा, दुर्गा विसर्जन, दशहरा, पापांकुशा एकाशी से लेकर जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जा रहा है। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी 18सितंबर से इस माह का आरंभ हो रहा है, जो आश्विन पूर्णिमा यानी 17 अक्तूबर को समाप्त होगा। आइए जानते हैं आश्विन माह में पड़ने वाले सभी व्रत त्योहारों के बारे में…

कब से शुरू होगा आश्विन मास 2024 (Ashwin Month Start And End Date 2024)

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की शुरुआत 19 सितंबर 2024 यानी आज से हो चुका है, जो 17 अक्तूबर 2024 को समाप्त होगा।

आश्विन माह में पड़ेंगे ये व्रत त्योहार (Ashwin Month 2024 Vrat Tyohar)

19 सितंबर 2024, गुरुवार अश्विन मास प्रारंभ, श्राद्ध का दूसरा दिन
21 सितंबर 2024, शनिवार विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी
24 सितंबर 2024, मंगलवार कालाष्टमी, मासिक कालाष्टमी
25 सितंबर 2024, बुधवार अश्विन कृष्ण नवमी नवमी श्राद्ध, जीवित्पुत्रिका व्रत
27 सितंबर 2024, शुक्रवार अश्विन कृष्ण एकादशी एकादशी श्राद्ध
28 सितंबर 2024, शनिवार अश्विन कृष्ण एकादशी इंदिरा एकादशी
29 सितंबर 2024, रविवार अश्विन कृष्ण द्वादशी द्वादशी श्राद्ध, मघा श्राद्ध, प्रदोष व्रत
30 सितंबर 2024, सोमवार अश्विन कृष्ण त्रयोदशी त्रयोदशी श्राद्ध, मासिक शिवरात्रि, कलियुग2 अक्टूबर 2024- अश्विन अमावस्या
3 अक्टूबर 2024- शारदीय नवरात्रि, घटस्थापना
4 अक्तूबर 2024- चंद्र दर्शन
6 अक्टूबर 2024- विनायक चतुर्थी
8 अक्तूबर 2024- स्कंद षष्ठी
9 अक्टूबर 2024- कल्परम्भ
10 अक्टूबर 2024- नवपत्रिका पूजा
11 अक्टूबर 2024- दुर्गा महानवमी पूजा, दुर्गा महाअष्टमी , संधि पूजा मासिक दुर्गाष्टमी
12 अक्टूबर 2024- दशहरा, शारदीय नवरात्रि समाप्त, दुर्गा विसर्जन , बुद्ध जयंती
13 अक्टूबर 2024- पापांकुशा एकादशी, पद्मनाभ द्वादशी
14 अक्टूबर 2024-वैष्णव पापांकुशा एकादशी
15 अक्टूबर 2024- प्रदोष व्रत
16 अक्तूबर 2024- कोजागर पूजा, शरद पूर्णिमा,
17 अक्टूबर 2024- आश्विन पूर्णिमा व्रत, तुला संक्रांति , वाल्मीकि जयंती, मीराबाई जयंती

आश्विन मास महत्व (Ashwin Month Importance)

हिंदू धर्म में अश्विन माह का विशेष महत्व है। ये काफी खास है, क्योंकि इस माह मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ पितरों का पिंडदान, तर्पण आदि भी किया जाएगा। इस पूरे माह स्नान-दान आदि करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति हो सकती है। इस मां पितरों के अलावा मां दुर्गा भी धरती पर वास करेंगी। ऐसे में हर व्यक्ति को किसी न किसी तरह से सुख-समृद्धि की अवश्य प्राप्ति हो सकती है।

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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