हम सबके घर में अक्सर चींटियां आ जाती हैं। हममें से कई लोग इसे सामान्य सी घटना समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन चींटियों से कुछ शुभ और अशुभ जुड़ा हुआ है? जी हां, ज्योतिष में इस बारे में विस्तार से उल्लेख किया गया है। मालूम हो कि चींटी को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। और काली चींटी का संबंध शनि ग्रह से बताया गया है। कहते हैं कि चींटियों को चावल डालने से बैकुंठ का सुख प्राप्त होता है। इसका तात्पर्य यह है कि व्यक्ति को विष्णु जी के लोक में जगह मिलती है। चींटियों को आटे का चूरमा डालने के लिए भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से दुर्भाग्य समाप्त हो जाता है।
घर में एक सीमित संख्या में चींटियों का होना सामान्य तौर पर शुभ माना जाता है। कहते हैं कि घर की चींटियों को शक्कर डालना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में आने वाली परेशानियां दूर हो जाती हैं। और पति-पत्नी के बीच बात-बात पर होने वाली कलह भी समाप्त हो जाती है। एक अन्य उपाय में घर की चींटियों को नारियल का बुरादा डालने के लिए कहा गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है।
मालूम हो कि रंग के आधार पर चींटियों को दो भागों में बांटा गया है। पहली हैं लाल चींटियां और दूसरी काली चींटियां। मान्याताओं के अनुसार काली चींटियों के घर में होने को शुभ बताया है, लाल को नहीं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चींटियों को भोजन डालने से कुंडली में राहु और शनि की दशा मजबूत होती है। राहु और शनि के मजबूत होने से व्यक्ति को कई तरह के लाभ होने की बात कही गई है। कहा जाता है कि घर की चींटियों को जरूर कुछ ना कुछ खिलाना चाहिए। मान्यता है कि इससे व्यक्ति का पृथ्वी तत्व मजबूत होता है।