वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल अनंत चतुर्दशी भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस साल अनंत चतुर्दशी का त्योहार 9 सितंबर शुक्रवार को मनाया जाएगा। अनंत चतुर्दशी का त्योहार भगवान विष्णु को समर्पित है। इन दिन लोग व्रत रखते हैं। साथ ही हाथ में अनंत बांधते हैं। वहीं इस दिन गणेश विसर्जन भी किया जाता है इसलिए इस पर्व का महत्व और बढ़ जाता है। आइए जानते हैं गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त और विशेष योग…

गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त

सुबह गणेश विसर्जन मुहूर्त- सुबह 6.02 मिनट से 10.45 तक

दोपहर में गणेश विसर्जन दोपहर मुहूर्त- दोपहर 12.19 से 1. 53 मिनट तक

शाम को गणेश विसर्जन मुहूर्त– शाम को 5.00 बजे से शाम 6. 32 बजे तक 

अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन शुभ माना जाता है। इन दिन गणपति का विसर्जन करने से अक्षय पुण्य का फल प्राप्त होता है।

बनेंगे 2 शुभ योग

अनंत चतुर्दशी के दिन रवि योग और सुकर्मा योग बनेंगे। पंचांग के अनुसार इस दिन रवि योग सुबह 06 बजकर 02 मिनट से शुरू होकर सुबह 11 बजकर 34 मिनट तक है। वहीं सुकर्मा योग सुबह से शुरू होकर शाम 06 बजकर 11 मिनट तक है। इन योगों का ज्योतिष में विशेष महत्व बताया गया है। इन योगों में भगवान गणेश और भगवान विष्णु की पूजा का करने का दोगुना फल प्राप्त होता है।

जानिए अनंत चतुर्दशी की पूजा- विधि

अनंत भगवान नारायण का नाम है इसीलिए इसे अनंत चतुर्दशी कहा जाता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। साथ ही स्वच्छ कपड़े पहनकर पूजा स्थल पर चौकी पर एक पीला कपड़ा पिछाएं और भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें। इसके बाद श्री हरि विष्णु को पीला चंदन लगाएं। साथ ही एक डोरी लेकर उसे हल्दी में रंगे और उसमें 14 गांठें बांधें। इस सूत्र को भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रखें। अब भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की पूजा करें और ‘अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव। अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।’ मंत्र का जाप करें। इसके बाद अनंत को बाजू में बांध लें। इस सूत्र को बांधने से श्री हरि विष्णु की कृपा रहती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।