Anant Chaturdashi 2018, Vishnu Pujan Vidhi: भाद्रपद के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। अनंत चतुर्दशी पर व्रत रखने का भी विधान है। इस व्रत को चौदस के नाम से जाना जाता है। भगवान विष्णु का एक नाम अनंत भी है। अनंत चतुर्दशी की पूजा के बाद लोग अपने बाजू पर अनंत सूत्र बांधते हैं। इस अनंत सूत्र में कुल 14 गांठें होती हैं। मान्यता है कि इससे धारण करने से व्यक्ति जीवन से तमाम कष्टों से दूर रहता है। मालूम हो कि अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु की पूजा के लिए एक खास विधि बताई गई है। कहा जाता है जो व्यक्ति अनंत चतुर्दशी पर विधि पूर्वक श्री हरि की आराधना करता है, उसे उसके पाप कर्मों से छुटकारा मिल जाता है।

पूजा विधि: सबसे पहले अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। पूजा स्थल पर कलश की स्थापना करें और कलश पर अष्टदल कमल की तरह बने बर्तन में कुश से बने अनंत की स्थापना कर दें। पूजा स्थल पर बैठे हुए ही एक धागे में कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र बनाएं। ध्यान रहे कि इस अनंत सूत्र में कुल 14 गांठें होनी चाहिए। इसे विष्णु जी को चढ़ा दें।

इसके बाद विष्णु जी और अनंत सूत्र की षोडशोपचार विधि से पूजा करें। इस दौरान मंत्र का जाप करें। मंत्र है- अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव। अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।। इस पूजन के बाद अनंत सूत्र को बाजू में धारण करें। मालूम हो कि अनंत सूत्र पुरुष अपने दाएं हाथ पर बांधें और महिलाएं बाएं हाथ पर। अनंत चतुर्दशी पर ब्राह्मण को भोजन करना अनिवार्य बताया गया है। भोजन कराने के बाद परिवार के सदस्यों और अन्य के बीच प्रसाद का वितरण करें।