Anant Chaturdashi 2018, Importance: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष को अनंत चतुर्दशी पड़ती है। इस साल यह 23 सितंबर, दिन रविवार को है। अनंत चतुर्दशी का हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए खास महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। इसके साथ ही अनंत चतुर्दशी पर गणेश जी का विसर्जन भी होता है। भारत के कई राज्यों में गणेश जी का विसर्जन बड़ी ही धूमधाम से किया जाता है। इस दिन गणेश जी का झांकियां निकाली जाती है। इन झांकियों में भारी तादात में लोग हिस्सा लेते हैं और गणपति बप्पा का जयकारा करते हैं। गणेश विसर्जन के समय भक्त काफी भावुक भी हो जाते हैं। क्योंकि पिछले 10 दिनों से गणेश की को अपने घर में रखने के बाद अब उन्हें विदा कर रहे होते हैं।

मालूम हो कि अनंत चतुर्दशी पर श्री हरि या विष्णु जी की पूजा को बेहद ही खास बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करता है, उसके जीवन से समस्त संकट दूर हो जाते हैं। इस संदर्भ में एक कथा भी बहुत ही प्रचलित है। इसके मुताबिक युधिष्ठिर कौरवों के छल से जुए में राज्य हार बैठे थे। ऐसे में पांडवों का दुख दूर करने के लिए श्रीकृष्ण ने उन्हें अनंत चतुर्दशी का व्रत करने के लिए कहा। कृष्ण जी ने कहा कि इससे पांडवों को हर हाल में राज्य वापस मिल जाएगा। कृष्ण जी ने बताया कि अनंत श्री हरि के ही स्वरूप हैं।

अनंत चतुर्दशी पर व्रत करने का भी विधान है। इस व्रत में स्नान करने के बाद अक्षत, दूर्वा, शुद्ध रेशम या कपास के सूत से बने और हल्दी से रंगे हुई चौदह गांठ के अनंत के सामने रख दिया जाता है। इसके बाद कुछ लोग हवन भी करवाते हैं। अब अनंतदेव का ध्यान किया जाता है। बता दें कि अनंत चतुर्दशी के व्रत में एक समय बिना नमक के भोजन करने का भी विधान है। हालांकि इस दिन निराहार रहने को ज्यादा शुभ माना गया है। कहते हैं कि अनंत चतुर्दशी पर व्यक्ति को शुभ व सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेना चाहिए। इससे भगवान अनंत यानी कि विष्णु जी की कृपा बरसने की मान्यता है।