आज ( 3 मई) को अक्षय तृतीया का पर्व है। हिंदू धर्म में इस पर्व का खास महत्व है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन कोई भी शुभ काम करने के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं पड़ती। विवाह के लिए भी ये दिन शुभ माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन किये गये कार्य सफल होते हैं और उनमें किसी भी तरह की बाधाएं नहीं आती। वहीं सोना खरीदने के लिए ये तिथि सबसे शुभ मानी जाती है। दीपावली की ही तरह इस दिन भी मां लक्ष्मी की पूजा करने से उनकी असीम कृपा बरसती है और जीवन धन-धान्य से भरा रहता है। आइए जानते हैं इस दिन का महत्व, मंत्र और चौघड़िया मुहूर्त…

आइए जानते हैं खरीदारी के लिए चौघड़िया मुहूर्त का समय:

प्रात:काल के लिए मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत)- सुबह 08 बजकर 58 मिनट से दोपहर 01 बजकर 57 मिनट तक

दोपहर के लिए मुहूर्त (शुभ)- दोपहर 03 बजकर 39 मिनट से शाम 05 बजकर 17 मिनट तक 

शाम के लिए मुहूर्त (लाभ)- रात 08 बजकर 19 मिनट से रात 09 बजकर 37 मिनट तक 

रात का मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर)- रात 10 बजकर 57 मिनट से देर रात 02 बजकर 59 मिनट तक 

अक्षय तृतीया महत्त्व:
मान्यता है कि भगवान विष्णु के छठे अवतार श्री परशुराम का जन्म भी अक्षय तृतीया को ही हुआ था।
सतयुग और त्रेतायुग का प्रारंभ भी इसी दिन हुआ था।
भगवान विष्णु के अवतार नर-नारायण और हयग्रीव का अवतरण भी इसी तिथि में हुआ माना जाता है।
मान्यता है कि वेद व्यास एवं श्रीगणेश द्वारा महाभारत ग्रन्थ के लेखन का प्रारंभ भी इसी तिथि से हुआ था।
ये महाभारत के युद्ध का समापन दिन भी माना जाता है।
द्वापर युग का समापन भी अक्षय तृतीया पर हुआ माना गया है।
मान्यताओं अनुसार मां गंगा का धरती पर आगमन इस शुभ तिथि पर ही हुआ था।
भक्तों के लिए तीर्थस्थल श्री बद्रीनाथ के कपाट भी इसी तिथि को खोले जाते हैं।
साल में केवल एक बार वृन्दावन के श्री बांके बिहारी जी मंदिर में श्री विग्रह के चरणों के दर्शन होते हैं।

अक्षय तृतीया की पूजा विधि:

अक्षय तृतीया पर्व का शास्त्रों में खास महत्व बताया गया है। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना की जाती है। कई स्त्रियां अपने परिवार की समृद्धि के लिए इस दिन व्रत भी रखती हैं। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद श्री विष्णुजी और मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर अक्षत चढ़ाना चाहिए। फूल या श्वेत गुलाब, धुप-अगरबत्ती इत्यादि से इनकी पूजा अर्चना करनी चाहिए। नैवेद्य स्वरूप जौ, गेंहू या फिर सत्तू, ककड़ी, चने की दाल आदि का चढ़ावा चढ़ाना चाहिए। हो सके तो इस दिन ब्राह्मणों को भोजन जरूर कराएं। इस खास दिन पर इन चीजों का दान करना बेहद ही फलदायी माना गया है- फल-फूल, भूमि, जल से भरे घड़े, बर्तन, वस्त्र, गौ, कुल्हड़, पंखे, खड़ाऊं, खरबूजा, चीनी, साग, चावल, नमक, घी आदि।

ये करें उपाय: 

स्फटिक की माला अर्पित करें:

अक्षय तृतीया पर मां लक्ष्मी को गुलाबी फूल अर्पित करें। इसके अलावा नई स्फटिक की माला अर्पित करें। इसके बाद उसी माला से “ऊं ह्रीं श्रीं लक्ष्मी वासुदेवाय नमः:” मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद माला को गले में धारण कर लें, लेकिन माला को रोजाना रात को सोने से पहले उसे उतार दें और सुबह स्नान करके फिर पहन लें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा। साथ ही घर में सुख- समृद्धि का वास रहेगा।

मां लक्ष्मी को अर्पित करें ये माला:

अक्षय तृतीया के दिन 108 मखानों की माला बनाएं और मां लक्ष्मी को अर्पित करें। साथ ही मां लक्ष्मी को कमल का फूल भी अर्पित करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की अपार कृपा बरसती है।

श्री सूक्त का करें पाठ:

अक्षय तृतीया के दिन आप शुभ मुहूर्त पर 11 बार श्रीसूक्त का पाठ करें। ऐसे करने से मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न होंगी। साथ ही घर में सुख- समृद्धि बनी रहेगी।