Akhuratha Sankashti Chaturthi 2025 Vrat Katha: पौष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गणेश जी की पूजा करने से साधक हर एक काम में सफलता हासिल करता है। पौष माह का अखुरख संकष्टी चतुर्थी का व्रत 7 दिसंबर 2026, रविवार को रखा जा रहा है। इस खास मौके पर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ अंत में इस व्रत कथा का पाठ अवश्य करें। आइए जानते हैं अखुरथ संकष्टी चतुर्थी की कथा के बारे में…
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, जब रावण ने स्वर्ग के सभी देवताओं को पराजित कर दिया था, तब उसे बालि की अपार शक्ति के बारे में पता चला। संध्या के समय रावण बालि को पकड़ने गया, लेकिन वानरराज बालि रावण से कहीं अधिक शक्तिशाली था। बालि ने रावण को अपनी बगल में दबा लिया और उसे किष्किंधा ले जाकर अपने पुत्र अंगद के पास खिलौने की तरह रख दिया। अंगद ने रावण को खेल-खिलौने समझकर रस्सी से बांधकर इधर-उधर घुमाया, जिससे रावण को भारी पीड़ा हुई।
कष्ट में रावण ने अपने पिता, ऋषि पुलस्त्य, का स्मरण किया। रावण की इस स्थिति को देखकर ऋषि पुलस्त्य ने उसके दुख का कारण समझा और मन ही मन सोचा कि घमंड के कारण देव, मनुष्य और असुर सभी का यही हाल होता है। फिर भी पिता मोह में उन्होंने रावण से पूछा कि उसने उन्हें क्यों याद किया। रावण ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि नगरवासी उसे तिरस्कार करते हैं और वह उनसे मुक्ति चाहता है।
ऋषि पुलस्त्य ने रावण को सांत्वना दी और उसे भगवान गणेश का व्रत करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि पूर्व में देवराज इन्द्र ने भी वृत्रासुर का संहार करने के लिए यह व्रत किया था। रावण ने महर्षि के निर्देशानुसार संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूरी श्रद्धा और विधिपूर्वक किया। इसके प्रभाव से बालि ने रावण को मित्रवत व्यवहार किया और उसे बंधन से मुक्त कर दिया। इस कथा से स्पष्ट होता है कि जो व्यक्ति अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत श्रद्धा और विधि के साथ करता है, वह सभी बड़े संकटों से आसानी से मुक्त हो जाता है।
नए साल में मिथुन, कर्क के साथ सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में वह साल के आरंभ में ही चंद्रमा के साथ युति करके गजकेसरी राजयोग का निर्माण करेंगे। ऐसे में 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से प्रभाव देखने को मिलने वाला है। लेकिन इन तीन राशि के जातकों को किस्मत का पूरा साथ मिल सकता है। जानें इन लकी राशियों के बारे में
| मेष वार्षिक राशिफल 2026 | वृषभ वार्षिक राशिफल 2026 |
| मिथुन वार्षिक राशिफल 2026 | कर्क वार्षिक राशिफल 2026 |
| सिंह वार्षिक राशिफल 2026 | कन्या वार्षिक राशिफल 2026 |
| तुला वार्षिक राशिफल |
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