शास्त्रों में एकादशी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को अजा एकादशी कहते हैं। इस साल अजा एकादशी 23 अगस्त दिन मंगलवार को मनाई जाएगी। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करते हैं। शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद माह श्री कृष्ण भगवान को समर्पित है। श्री कृष्ण को भगवान विष्णु का आंठवा अवतार माना गया है। ऐसे में भादों माह की अजा एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु और श्री कृष्ण दोनों का ही व्यक्ति को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस साल अजा एकादशी पर 2 शुभ मुहूर्त भी बन रहे हैं। इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और शुभ योग…
पूजा का शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि शुरू: अगस्त 22, 2022 को सुबह 03 बजकर 36 मिनट पर आरंभ
एकादशी तिथि खत्म : अगस्त 23, 2022 को सुबह 06 बजकर 05 मिनट पर समाप्त
पारण का समय: अगस्त 23, शाम 1 बजकर 58 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 28 मिनट तक
बन रहे हैं 2 शुभ योग
वैदिक पंचांग के अनुसार अजा एकादशी सिद्धि और त्रिपुष्कर योग में मनाई जाएगी। ये दोनों ही योग ज्योतिष के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। आपको बता दें कि 23 अगस्त को सिद्धि योग प्रात:काल से लेकर दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक है। वहीं त्रिपुष्कर योग सुबह 10 बजकर 43 मिनट से 24 अगस्त को सुबह 05 बजकर 56 मिनट तक है।
जानिए महत्व
शास्त्रों के अनुसार अजा एकादशी पर विष्णु भगवान की पूजा- अर्चना करने से पिशाच योनी से मुक्ति मिलती है। साथ ही उसे श्री हरी विष्णु के चरणों में स्थान प्राप्त होता है। जो भी व्यक्ति विधिपूर्वक अजा एकादशी का व्रत रखता है, उसको अश्वमेध यज्ञ करने के समान ही फल प्राप्त होता है। साथ ही सभी प्रकार के पापो से मुक्ति मिलती है।
व्रत के समय इन बातों का रखें ध्यान
अजा एकादशी के दिन चावल, केला, बैगन आदि वर्जित वस्तुओं का सेवन न करें। इस दिन घर में प्याज और लहसुन से बने भोजन का प्रयोग ना करें। एकादशी व्रत के दिन कपड़े न धोएं, साबुन, तेल, शैंपू आदि का उपयोग न करें।