शास्त्रों में एकादशी के व्रत को सभी व्रतों में सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। एकादशी व्रत का संबंध भगवान विष्णु से है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करते हैं। शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष महीने में दो एकादशी पड़ती है। महीने की इन दोनों ही एकादशी का अपना पुण्य होता है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि के दिन अजा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस साल अजा एकादशी का व्रत 22 अगस्त को रखा जाएगा वहीं, वैष्णव अजा एकादशी 23 अगस्त मंगलवार को है। आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
अजा एकादशी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार अजा एकादशी सोमवार, अगस्त 22, 2022 को
एकादशी तिथि शुरू: अगस्त 22, 2022 को सुबह 03 बजकर 36 मिनट पर आरंभ
एकादशी तिथि खत्म : अगस्त 23, 2022 को सुबह 06 बजकर 05 मिनट पर समाप्त
पारण का समय: अगस्त 23, शाम 1 बजकर 58 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 28 मिनट तक
जानिए पूजा- विधि
अजा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान कर लें। इसके बाद साफ सुतरे कपड़े पहनें। फिर मंदिर की चौकी पर एक पीला कपड़ा बिछाएं। इसके बाद विष्णु भगवान की प्रतिमा या चित्र विराजमान करें। धूप- अगरबत्ती जलाएं। भगवान विष्णु को पीली मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद ऊं नमो भगवते वासुदेवाय का 108 बार जाप करें। पूरा दिन निराहार रहें। फल शाम को ले सकते हैं। अगले दिन सुबह ब्राह्मणों को भोजन कराकर और किसी जरूरतमंद को दान-दक्षिणा देकर व्रत खोल सकते हैं। इसके बाद ही आपको व्रत का पूरा फल मिलेगा।
यह है महत्व
शास्त्रों के अनुसार इस व्रत कथा को पढ़ने या सुनने मात्र से ही पापों का नाश होता है। साथ ही अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी का भी खास आशीर्वाद मिलता है। जो व्यक्ति अजा एकादशी का व्रत सच्ची श्रद्धा एवं नियम सहित करता है उसे अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। वहीं इस दिन घर में प्याज और लहसुन से बने भोजन का प्रयोग ना करें। साथ ही पूरे दिन विष्णु भगवान का संकीर्तन करें। इस दिन किसी अपशब्द नहीं कहें। साथ विचारों को सात्विक रखें।