Ahoi Mata Ki Aarti Lyrics In Hindi (जय अहोई माता, जय अहोई माता आरती): हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी मनाई जाती है। इस व्रत का हर महिलाओं को बेसब्री से इंतजार रहता है। इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। साथ ही इस दिन भगवान शिव-मां पार्वती और अहोई माता की पूजा की जाती है। अहोई अष्टमी के दिन पूरे दिन निर्जला व्रत रखने के बाद महिलाएं रात में तारों को देखकर व्रत खोलती हैं। अहोई माता को लेकर मान्यता है कि अहोई शब्द अनहोनी का अपभ्रंश है और यह व्रत महिलाओं के जीवन में आने वाली हर अनहोनी को टालने में मददगार माना जाता है। वहीं, इस दिन अहोई माता की पूजा-अर्चना के बाद आपको उनकी आरती जरूर पढ़नी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-शांति आती है और माता प्रसन्न होती हैं। यहां पढ़ें अहोई माता की पूरी आरती।
अहोई माता आरती (Ahoi Mata Ki Aarti Lyrics In Hindi)
जय अहोई माता जय अहोई माता।
तुमको निशिदिन सेवत हर विष्णु विधाता॥ जय० ॥
ब्रह्माणी रूद्राणी कमला तू ही है जगमाता ।
सूर्य चन्द्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता। जय० ॥
माता रूप निरंजन सुख सम्पति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल आता। जय० ॥
तू ही है पाताल वसंती, तू ही शुभदाता।
कर्मप्रभाव प्रकाशक जगनिधि से त्राता। जय० ॥
जिस घर थारो बासो वाही में गुण आता।
कर न सके सोई करले मन नहीं घबराता। जय० ॥
तुम बिन सुख न होवे पुत्र न कोई पाता।
खान पान का वैभव तुम बिन नही जाता। जय० ॥
शुभ गुण सुन्दर मुक्ता क्षीरनिधि जाता।
रत्न चतुर्दश तोकूं कोई नहीं पाता। जयः ॥
श्री अहोई माँ की आरती जो कोई गाता।
उर उमंग अतिं उपजे पाप उतर जाता। जय० ॥